
पत्रिका का समीक्षित अंक ख्यात रचनाकार श्री काशीनाथ जोशी पर एकाग्र है। उन पर प्रकाश वैश्य, धृतिवर्धन गुप्त, मधुसूदन गर्ग एवं संपादक कमलकांत सक्सेना ने आलेख लिखे हैं। जोशी जी की साहित्यिक यात्रा कंटक पूर्ण व संघर्षपूण रही है जिसे उन्होंने अपने आत्मकथ्य में प्रगट किया है। पत्रिका की अन्य रचनाओं में शरद नारायण खरे, गणेशदत्त सारस्वत एवं प्रदीप कुमार मिश्र ने प्रभावित किया। अन्य स्थायी स्तंभ व रचनाएं एवं समीक्षाएं भी आकर्षक हैं।
एक टिप्पणी भेजें