
पत्रिका के समीक्षित अंक में समसामयिक विषयों पर सारगर्भित कहानियां प्रकाशित की गई है। इनमें प्रमुख हैै- कैफ़ियत(नूर मोहम्मद ‘नूर’), इच्छा मृत्यु(डाॅ. प्रदीप अग्रवाल) एवं स्लम डाॅग(पी.डी. वाजपेयी) पत्रिका लघुकथाओं का प्रकाशन भी प्रमुखता से करती है। दो बूढ़े(कुशेश्वर) एवं देशभक्षी(ज्योति जैन) की लघुकथाएं अच्छा संदेश देती हैं। कविताओं ग़ज़लों में बेहोशी(डाॅ. तिलकराज गोस्वामी), कोशिश(डाॅ.के.बी.श्रीवास्तव) एवं कृष्ण सुकुमार तथा हस्तीमल हस्ती की ग़ज़लें कुछ कमियों के बावजूद पठ्नीय हैं। पत्रिका के अन्य स्थायी स्तंभों की सामग्री भी पाठकों के लिए उपयोगी है। लेकिन पत्रिका को परंपरागत कलेवर से हटकर कुछ नया करना चाहए। जिसकी आज के समय में अत्यधिक आवश्यकता हैै।
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