
प्रतिष्ठित पत्रिका साहित्य परिक्रमा का यह समीक्षित अंक राष्ट्रीय अधिवेशन
विशेषांक के रूप में प्रकाशित किया गया है। अंक में अधिवेशन की गतिविधियों को रंगीन चित्रों के प्रकाशन के माध्यम से पाठकों से साझा किया है। पत्रिका में चिंतनयोग्य विचारपूर्ण आलेखों का प्रकाशन इस अंक की विशेष उपलब्धि है। श्री श्रीधर पराडकर, डाॅ. वलवंत जानी, डाॅ. शत्रुध्न प्रसाद, प्रो. त्रिवुभननाथ शुक्ल, श्री भूपेन्द्र राय चैधरी, प्रो. कुसुमलता केडिया, श्री नंदलाल मेहता वागीश, डाॅ. सम्राट सुधा, श्री रवीन्द्र शुक्ल रवि, डाॅ. ज्वाला प्रसाद कौशिक ाधक, श्रीमती विनय राजाराम, डाॅ. बिनु पयटटुविला, श्री हरीश व्यास, डाॅ. एन सुंदरम, प्रो. राजेश लाल मेहरा, डाॅ. लता सुमंत, श्री अखिलेश कुमार शर्मा, श्रीमति क्रांति कनाटे एवं श्री लक्ष्मीनारायण भाला के आलेख विशिष्ट हैं। सभी आलेखों में विद्वानों ने अलग अलग ढंग से राष्ट्रीय अस्मिता तथा वर्तमान साहित्य में उसकी सार्थकता को लेकर विचार किया है। मानव जीवन के सिद्धांत, इतिहास तथा वर्तमान शताब्दी की गतिमान जीवन शैली के बीच जिस गंभीरता से पत्रिका ने राष्ट्रीय अस्मिता के प्रश्न पर विचार किया है व स्वागत योग्य है। इस उत्तम संग्रह योग्य अंक के लिए पत्रिका की पूरी टीम बधाई की पात्र है।
आज बहुत से लोग आंखों के रोग से ग्रस्त है और उनके रोगों को ठीक करने के उपाय बताने जा रहा है जैसे- जायफल को पीसकर दूध में मिलाकर सुबह-शाम आंखों पर लगाए इससे आंखों का रोग ठीक हो जाता है। इस प्रकार के और भी नुसखें पाने के लिए यहां पर Click करें। आच्छा लगे तो Share करें।
जवाब देंहटाएंआंखों आना का औषधियों से उपचार
आपका ब्लॉग मुझे बहुत अच्छा लगा, और यहाँ आकर मुझे एक अच्छे ब्लॉग को फॉलो करने का अवसर मिला. मैं भी ब्लॉग लिखता हूँ, और हमेशा अच्छा लिखने की कोशिस करता हूँ. कृपया मेरे ब्लॉग पर भी आये और मेरा मार्गदर्शन करें.
जवाब देंहटाएंhttp://hindikavitamanch.blogspot.in/
http://kahaniyadilse.blogspot.in/
nice post.....
जवाब देंहटाएंThanks For Sharing
varson baad bhi wahi rang hai
जवाब देंहटाएंIts fantastic blog
जवाब देंहटाएंBook online bus ticket from Redbus
एक टिप्पणी भेजें