पत्रिका : समकालीन अभिव्यकित, अंक : 40, स्वरूप : त्रैमासिक, संपादक : उपेन्द्र कुमार मिश्र, आवरणरेखाचित्र : जानकारी उपलब्ध नहीं, , पृष्ठ : 64, मूल्य : 10रू.(वार्षिक 40 रू.), र्इ मेल : ,वेबसार्इट : उपलब्ध नहीं , फोनमोबार्इल : 011.26645001, सम्पर्क : 5, तृतीय तल, 984, वार्ड नं. 7, महरौली, नर्इ दिल्ली 30
काव्य प्रधान पत्रिका के इस अंक में समकालीन विचारों से युक्त रचनाओं का प्रकाशन किया गया है। अंक में कुमार शर्मा अनिल, महावीर सिंह, गोवर्धन यादव की कहानियां समकालीन विचारों को पोषित करती है। डा. कमल किशोर गोयनका, प्रभाकर सिंह, रविशंकर राय तथा योगेश चंद्र बहुभुज के आलेख साहित्य के साथ साथ वर्तमान समाज को अभिव्यकित प्रदान करते हैं। विष्णु दत्त भटट का व्यंग्य अधिक प्रभावित नहीं कर सका है। कोणार्क के सूर्य मंदिर पर अनिल डबराल के लेख में और विश्लेषण की आवश्यकता थी, लेख में विवरणात्मकता होने से यह रूचिकर तो है पर साहित्य के नए जिज्ञासुओं के लिए अधिक उपयोगी नहीं है। रामस्नेही लाल शर्मा, संजीवन मयंक, लीना मलहौत्रा तथा सुरेश उजाला की कविताएं पठनीय व उपयोगी है। पत्रिका की अन्य रचनाएं, स्थायी स्तंभ आदि भी प्रभावित करते हैं।
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