
साहित्य की स्थापित पत्रिका साहित्य परिक्रमा के इस अंक में संग्रह योग्य सामग्री का प्रकाशन किया गया है। अंक में आशुतोष कुमार, श्रीधर पराड़कर, रामेश्वर मिश्र पंकज, शिव कुमार शर्मा, साहेबलाल दशरिए सरल, प्रणव शास्त्री, सरोज गुप्ता एवं सुखबीर आर्य के जानकारीपरक व रोचक आलेखों का प्रकाशन किया गया है। सुभाषिनी रायजादा की कहानी तथा संजय जनागल की लघुकथाएं प्रभावित करती है। अनुपमणि त्रिपाठी का व्यंग्य, व्यंग्य न होकर सरस निबंध के अधिक समीप है। रमेश चंद्र शाह, गोपीकुमार दास, देवेन्द्र दीपक, उमेश कुमार सिंह, द्वारका लाल गुप्त, रामनारायण त्रिपाठी, श्रीमती मृणालिनी घुले की कविताएं, गीत समसामयिक व आधुनिक समाज का दिशा निर्देशन करने में सहायक हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं भी प्रभावित करती है।
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