
साहित्य सागर के इस अंक में अच्छी व समसामयिक रचनाओं का प्रकाशन किया गया है। अंक में अनेक रचनाएं दोहा विधा के साधक जयजयराम आनंद पर एका्रग हैं। आशा सक्सेना, प्रभुदयाल मिश्र, सुरेन्द्र भारद्वाज, शरदनारायण खरे, हर्षवर्धन पाठक की रचनाएं भारतीय समाज को प्रतिबिम्बित करती है। हरिकृष्ण तैलंग, सतीश श्रोत्रिय, एवं साधन वलवटे के व्यंग्यों में अच्छा कटाक्ष निहित है। पत्रिका की अन्य रचनाएं भी उपयोगी व जानकारीपरक है।
एक टिप्पणी भेजें