
समाचार प्रधान पत्रिका के इस अंक में ख्यात ग़ज़लकार शहरयार को याद किया गया है। संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीनारायण शर्मा का राष्ट्रगौरव सम्मान का समाचार जानकारीपरक है। पत्रिका का विचार है कि विद्यासागर नौटियाल बेजोड़ और प्रतिबद्ध कथाकार थे। अलखनंदन के संबंध में आलोक चटर्जी ने लिखा है कि वह खुद उपजा नाटककार था। चर्चा में के अंतर्गत गुम चीज है फेज की आखिरी फिल्मःसलीमा, रश्दी के एक और उपन्यास पर फिल्म, विष्णु प्रभाकर मार्ग, हिंदी विश्वविद्यालय दिनकर के गांव में समाचार प्रकाशित किए गए हैं। ख्यात कथाकार रामदरश मिश्र को व्यास सम्मान, साहित्य अकादमी के अनुवाद पुरस्कार घोषित, ममता तिवारी को मिलेगा माहेश्वरी पुरस्कार, भारतीय कलाओं के लेखक सम्मानित समाचार विशिष्ठ व जानकारीपरक हैं।
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