पत्रिका: संबोधन, अंक: अक्टूबर दिसम्बर 2011,स्वरूप: त्रैमासिक, संपादक: कमर मेवाड़ी, पृष्ठ: 92, मूल्य: 20रू (वार्षिक: 80रू.), ई मेल: ,वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, फोन/मोबाईल: 09829161342, सम्पर्क: पो. कांकरोली, जिला राजसमंद 313324 राजस्थान
राजस्थान से प्रकाशित ख्यात त्रैमासिकी संबंोधन के इस अंक में विविधतापूर्ण रचनाओं का प्रकाशन किया गया है। अंक में ‘स्त्री का अपना घर नहीं होता(राजेन्द्र यादव), सीमोन और सात्र्र के देश में.... (संतोष श्रीवास्तव), एक सहज सरल व्यक्तित्व(श्याम जागिड़) रचनाएं विचार योग्य व पठनीय हैं। विशिष्ठ कवि के अंतर्गत कुमार मिश्र की कविताएं सरल व सहज ग्रहण योग्य हैं। ज्ञानचंद्र मर्मज्ञ, चांद शेरी, खुर्शीद नबाब की ग़ज़लें नवीन विषयों की अच्छी प्रस्तुति कही जा सकती है। स्वाति तिवारी, प्रफुल्ल प्रभाकर व सिराज फारूकी की कहानियां समसमायिक विषयों पर कथा के माध्यम से विचार करती है। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं व पत्र आदि भी साहित्यिकता लिए हुए हैं।
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