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सृजन ऑस्ट्रेलिया हिंदी की प्रमुख ई पत्रिका है। यह साहित्य के साथ ही साहित्य से जुडे अन्य विषयों पर भी सामग्री प्रकाशित करती है। इस लेख में हम पत्रिका के मुखपृष्ठ पर अगस्त माह में प्रकाशित रचनाओं की जानकारी दे रहे हैं।
नई कविता
पत्रिका के इस अंक में गुरूदीप सिंह सोहेल की कविता प्रकाशित की गई है। जिसका शीर्षक है। मंदिर मस्जिद का बनना। कविता का केन्द्रीय भाव मनुष्य के मनुष्यत्व को लेकर है। जिसमें अपेक्षा की गई है कि आज मानव बनने की जरूरत है। जात-पांत, मानसिक विकार तथा विद्वेष की भावना त्यागकर ही सच्चा इंसान बना जा सकता है। कविता विशुद्व साहित्यिक तो नहीं है लेकिन समयानुकूल है।
छंद विचार विमर्श
इस भाग में वासुदेव अग्रवाल की कविता है। जिसका शीर्षक है। तोटक छंद विरह। तोटक छंद क्या हैं? इसे कैसे लिखा जाता है? आदि जानकारी कविता में दी गई है। रचना आज की कविताओं से हटकर है। यह कविता छंद प्रधान है। हिंदी के नये पाठकों को यह प्रयोग अच्छा लगेगा।
तिलका छंद युद्ध के अंतर्गत अग्रवाल जी ने छंद रचना प्रक्रिया की जानकारी दी है। आज की बदलती कविता में यह प्रयोग नये रचनाकारों को कठिन लग सकता है। लेकिन हिदंी साहित्य में वीरगाथा काल तथा भक्ति काल में इस तरह की रचनाएं हुई हैं।
अन्य कविता
स्वामी विवेकानंद पर के व्यक्तित्व पर एकाग्र कविता इस अंक में मुखपृष्ठ पर है। कवि है डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव। उन्होंने कविता के माध्यम से स्वामी जी के समग्र व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला है।
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समीक्षा के लेखक
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जो करो कल्याण की भावना से प्रेरित होकर आगे बढ़कर एक हिम्मतवाले लोग शस्त्र नहीं शास्त्र संगत जानकारी पूर्ण करने की कोशिश करते हुए आगे बढ़ने की उम्मीद हो!
ردحذفDoing very good Work.congratulations. Akvyas ch.editor senior citizen Dastak SAMACHAR PATARA indore mp
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