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देश की सर्वाधिक लोकप्रिय स्त्री विषयक पत्रिका का समीक्षित अंक साहित्यिक एवं सामाजिक रचनाओं से भरपूर है। अंक में कमलेश शर्मा, पूनम गुजराती, वसंती पवार, रेखा भंसाली एवं सुमन जे, शर्मा के सामाजिक महत्वयुक्त आलेखों का प्रकाशन इस अंक में किया गया है। शुक्ला चैधरी तथा लीला मोदी के आलेख साहित्येत्तर विषयों की अच्छी प्रस्तुति है। प्रकाशित कहानियों में मां मुझे बचाओ(कविता रायजादा), धूप छांव(सुदेश बत्रा) एवं अब्दुल्ला का ताजमहल(अनीता पंडा) अच्छी रचनाओं में शुमार की जा सकती है। श्रीमती संतोष खन्ना से साक्षात्कार अच्छा व प्रभावी है। प्रायः सभी लघुकथाएं ठीक ठाक हैं। अंक की कविताएं अन्य रचनाओं की तरह अपेक्षित प्रभाव नहीं छोड़ पायी हैं। पत्रिका के अन्य स्थायी स्तंभ, रचनाएं, समीक्षाएं व पत्र आदि भी प्रभावित करते हैं।
पत्रिका नारी अस्मिता में बतौर लेखक अपनी रचनाएं प्रकाशित करवाना चाहती हूं मैं किस प्रकार से कर सकती हूं कृपया जानकारी दें। मैं हिंदी लेखन में कई जगह पर सक्रिय हूं और कुछ पुस्तकों है मेरी रचनाएं प्रकाशित भी हो चुकी है ।कृपया अवश्य बताएं ।
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