पत्रिका: पुष्पक, अंक: 16, स्वरूप: त्रैमासिक, संपादक: डाॅ. अहिल्या मिश्र, पृष्ठ: 118, रेखा चित्र/छायांकन: , मूल्य: 75रू.(वार्षिक 300), ई मेल: mishraahilya@yahoo.in , वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, फोन/मो. 040.23703708, सम्पर्क: 93सी, राजसदन, बेंगलराव नगर, हैदराबाद 500038 सी-7, आंध्रप्रदेश
दक्षिण से प्रकाशित प्रमुख साहित्यिक पत्रिका पुष्पक के समीक्षित अंक में विविध साहित्यिक सामग्री का प्रकाशन किया गया है। अंक मंे प्रकाशित कहानियों में स्नेह स्पर्श(शांति अग्रवाल), बुरे दिन(श्याम कुमार पोकरा), सोच(मधु भटनागर), रिमोट कन्ट्रोल(पवित्रा अग्रवाल) प्रमुख हैं। लघुकथाओं में स्थापना(अखिलेश शुक्ल), काला आखर(आकांक्षा यादव) तथा कुलदीपक(सत्यपाल), लातों के भूत(पंकज शर्मा), प्रेम विवाह(विनोदिनी गोयनका) प्रभावित करती है। डाॅ. अहिल्या मिश्र, ज्ञानेन्द्र साज, रमा द्विवेदी, सुधाकर आशावादी, भानुदत्त त्रिपाठी, ठाकुर खिलवाणी, ज्योति नारायण, रामशंकर चंचल, उमाश्री, सरिता सुराना जैन, पंकज शर्मा, डाॅ. नकवी, कृपाशंकर शर्मा अचूक, मीना गुप्ता, सुरेश चंद्र, देवेन्द्र कुमार मिश्रा, राजेन्द्र बहादुर सिंह राजन, करण सिंह उढ़वाल, हीरा प्रसाद हरेन्द्र, कंुदन सिंह सजल, ओम रायजादा, कृष्ण कुमार, अशोक अंजुम, साहिल, भगवान दास जैन, सुषमा भण्डारी, मदन मोहन उपेन्द्र, प्रेमलता नीलम, साक्षी भारती, मीना मुथा, सुरेश उजाला की कविताएं, ग़ज़लें, गीत आदि भी उल्लेखनीय हैं। केशव शुक्ला का व्यंग्य अच्छा बन पड़ा है। लेखों में डाॅ. अहिल्या मिश्र, राजकुमारी भटनागर, संपत देवी मुरारका, सीता मिश्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं भी स्तरीय व पढ़ने योग्य हैं।
हम बहुत पढते थे, धन्यवाद इस सुंदर जानकारी के लिये
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