
ख्यात मासिक पत्रिका शुभ तारिका का समीक्षित अंक मध्यप्रदेश पर एकाग्र है। अंक में मध्यप्रदेश की विरासत के साथ साथ यहां के रचनाकारों की श्रेष्ठतम रचनाओं का पत्रिका के इस अंक में प्रकाशन किया गया है। बढ़ते कदम मध्यप्रदेश के अंतर्गत महेश श्रीवास्तव, स्वाति तिवारी, सुनीता दुबे, प्रलय श्रीवास्तव व सुरेश गुप्ता के आलेख मध्यप्रदेश की विरासत तथा कला-संस्कृति पर अच्छा विश्लेषण प्रस्तुत करते हैं। संजय पतारे, ऋषि कुमार मिश्र, भालचंद्र जोशी, अजातशत्रु, युगेश शर्मा, सच्चिदानंद जोशी, दिलीप चिंचालकर, रामचरण यादव, रूखाना सिद्दकी, शैलेन्द्र कुमार शर्मा एवं कृष्णशंकर सोनाने के लेख मध्यप्रदेश की जमीन तथा उसकी सोधी खुशबू से देश भर के पाठकों का परिचय कराते हैं। निर्मला मांडवीकर, अर्जुन सिंह अंतिम, एवं पदमा राजेन्द्र की रचनाएं सरसता लिए हुए हैं। कांतिलाल ठाकरे, मालती जोशी, डाॅ. रमेशचंद्र की रचनाओं से पाठक लगाव महसूस करता है। शिवदत्त डोगरे, प्रमीला गुप्ता व जगदीश चंद्र जैन की लोक चरित्र की रचनाएं नए पाठकों को हमारे अतीत से परिचित कराती हैं। चंद्रभान राही, मालती बसंत, सीमा शाह जी की कहानियां व अंजना सबि, अखिलेश शुक्ल, अमर गोपालानी, मंगला रामचंद्रन, संतोष सुपेकर, रामशंकर चंचल की लघुकथाएं प्रभावशाली हैं। राम तेलंग, गिरिजा कुलश्रेष्ठ, ऋषिवंश, देवेन्द्र कुमार मिश्रा, गार्गीशंकर मिश्र, आनंद बिल्थरे, आलोक नेगी तथा महेश श्रीवास्तव की कविताएं मध्यप्रदेश की रचनाशीलता के विविध रूप को सामने लाने के लिए किया गया एक सफल प्रयास है। मध्यप्रदेश के हरदा नगर में उर्मि कृष्ण जी का जन्म हुआ है। उस स्थान का वर्णन बहुत ही मार्मिक व आत्मसात करने योग्य है। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं व समाचार आदि भी स्तरीय व सहेज कर रखने योग्य हैं।
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