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मैसूर हिंदी प्रचार परिषद का यह अंक भी अच्छी रचनाओं के साथ प्रकाशित किया गया है। अंक में एस.पी. केवल, डाॅ.मित्रश कुमार गुप्त, वीरेन्द्र कुमार यादव, राधागोंिवंद पालर, जसवंत भाईजी पण्डया, मृत्युजंय उपाध्याय, कृष्ण कुमार ग्रोवर, डाॅ. सुरेश उजाला, प्रो.ए. लक्ष्मीनारायण, गणेश गुप्त, विनोद चंद्र पाण्डये विनोद, राजेन्द्र परदेसी, प्रो. बी.वै. ललिताम्बा, डाॅ. टी.वी. प्रभाशंकर पे्रमी एवं रंजना अरगड़े के आलेख वर्तमान में हिंदी भाषा व उसके साहित्य पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हैं। डाॅ. रामशंकर चंचल, दिलीप भाटिया की लघुकथाएं अच्छी है व पाठक को आकर्षित करती हैं। श्रीमती हेमवती शर्मा, डाॅ. रामगोपाल वर्मा, देवेन्द्र भारद्वाज एवं विनोद चंद्र पाण्डेय की कविताएं आज के संदर्भाे को अच्छी तरह से व्यक्त कर सकी हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं व पत्र आदि भी उपयोगी हैं।
धन्यवाद जी इस सुंदर जानकारी के लिये
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