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पत्रिका के समीक्षित अंक में दस्तावेज स्तंभ के अंतर्गत भगतसिंह, राममनोहर लोहिया व सच्चितानंद हीरानंद वात्सायन ‘अज्ञेय’ उपयोगी व विचार करने योग्य सामग्री प्रकाशित की गई है। वरिष्ठ कथाकार उदयप्रकाश जी का आत्मकथ्य तथा शशिप्रकाश चैधरी से साक्षात्कार पाठक को नई विचार दृष्टि प्रदान करता है। वीरेन्द्र सारंग, प्रतिभा कटियार, कंचन शर्मा तथा अशोक सिंह की कविता में समाज के प्रति दर्द व तड़प दिखाई देती है। विश्वनाथ प्रसाद त्रिपाठी जी का यात्रा वृतांत तथा दयाशंकर मिश्र का सामाजिक निबंध आप अवश्य पसंद करेंगे। गौरव सोलंकी, परिधि शर्मा तथा जीवन सिंह ठाकुर की कहानियां का केन्द्र आम आदमी है जिसपर अभी तक काफी अधिक सोच विचार करने के पश्चात लिखा गया है। इंदु श्रीवास्तव की ग़ज़ल व आलोक श्रीवास्तव का संस्मरण भी सहेजकर रखने योग्य रचनाएं हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं भी सार्थक है व सामाजिक चेतना जाग्रत करने के लिए अग्रसर दिखाई देती हैं। हमेशा की तरह संपादकीय एक विचारणीय रचना है।
सुंदर जानकारी के लिये धन्यवाद
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