पत्रिका-विश्व हिंदी समाचार, अंंक-दिसम्बर2012, स्वरूप-त्रैमासिक, प्रधान संपादक-श्रीमती पूनम जुनेजा, संपादक- गंगाधर सिंह सुखलाल, पृष्ठ-12, रेखांकनग्राफिक्सआवरण -जानकारी उपलब्ध नहीं, मूल्य-प्रकाशित नहीं, वेवसाइट - www.vishwahindi.com, फोन : 230.6761196, इमेल- info@vishwahindi.com , संपर्क : स्वीफट लेन, फारजेट साइट, मारिशस
मारिशस से प्रकाशित इस समाचार पत्रिका का प्रत्येक अंक संग्रह योग्य होता है। समीक्षित अंक में भी वैशिवक स्तर पर हिंदी साहित्य व भाषा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यो व कार्यक्रमों का समावेश किया गया है। पत्रिका के मुखपृष्ठ पर प्रकाशित निराला स्मृति समारोह हिंदी साहित्य के क्षेत्र में वहां किए जा रहे कार्यो का झलक प्रस्तुत करता है। विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा अक्टूबर 2012 में आयोजित इस कार्यक्रम में श्री सत्येदेव टेंगर, मेघा गणपत, सुश्री अनुपमा चमन सहित अन्य विशिष्ठजन उपसिथत थे। हिंदी कहानी जगत के प्रतिषिठत हस्ताक्षर तेजेन्द्र जी के व्यकितव व Ñतित्व पर आयोजित कार्यक्रम एशियन कम्युनिटि हाल लंदन में आयोजित किया गया। कार्यकम में अपने उदबोधन में ख्यात कथाकार व हंस के संपादक श्री राजेन्द्र यादव ने कहा, ''तेजेन्द्र शर्मा मुख्यधारा के कहानीकार हैं और उनकी कहानियों ने हिंदी कहानी को नए कथानक दिए हैं।
महात्मा गांधी संस्थान के सुब्रमण्यम भारती सभागार में आयोजित वसंत ओर रिमझिम साहितियक प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरण समारोह से समाचार आश्वस्त करता है कि हिंदी भाषा व उसका साहित्य व दुनिया को अंतर्मन तक प्रभावित करने लगा है। यह जानकार पाठकों को सुखद अनुभूति होगी कि मारिशस का हिंदी साहित्य अब कविताकोश पर उपलब्ध हो गया है। वातायन पोयट्री सम्माान का समाचार बि्रटे्रन में हिंदी के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यो की जानकारी देता है। कनाडा से प्रकाशित पत्रिका के संपादक श्री श्याम त्रिपाठी जी का मिले सरस्वती सम्मान का समाचार पत्रिका का प्रमुख आकर्षण है। श्याम त्रिपाठी एवं श्रीमती सुधा ओम ढीगरा ने विश्वस्तर पर हिंदी साहित्य व भाषा को सुव्यवसिथत ढंग से स्थापित करने का जो भागीरथी प्रयास किया है उसके लिए उन्हें भारत में भी सम्मानित किया जाना चाहिए। आधारसिला संस्था द्वारा मारिशस में हिंदी सम्मेलन तथा फेसबुक मैत्री सम्मेलन का समाचार पत्रिका में प्रकाशित अच्छी जानाकारी है। भारतीय मानक देवनागरी लिपि तथा हिंदी वर्तनी का लोकपर्ण, दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन, आशीर्वाद द्वारा लगातार 24 घण्टे कवि सम्मेलन का आयोजन करना आदि समाचार हिंदी के प्रति स्वीकार्यरता तथा निष्ठा प्रदर्शित करते हैं। साहित्य मण्डल नाथद्वारा का सम्मान समारोह अपने आप में विशिष्ठ आयोजन है, जिस हिंदी प्रेमी ने इस आयोजन को देखा है वह कभी उसे भुला नहीं पाएगा। डा. सुरेश शुक्ल चंद्र एवं प्रतिभा राय हिंदी के ऐसे हस्ताक्ष्ज्ञर हैं जिनके योगदान पर अभी बहुत कार्य किया जाना शेष है। स्व. भवानी प्रसाद मिश्र जी के जन्मशताब्दी समारोह की अखिलेश शुक्ल द्वारा भेजी गर्इ रिपोर्ट इस कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत करती है। पत्रिका के अन्य समाचार भी अपने आप में ज्ञानवर्धक, जानकारीपरक तथा रोचक हैं। गंगाधर सिंह सुखलाल द्वारा लिखा गया संपादकीय 'हिंदी के मूल्य और हिंदी का मूल्य हिंदी को नए सिरे से संवारने की जरूरत पर बल देते हैं।
मारिशस से प्रकाशित इस समाचार पत्रिका का प्रत्येक अंक संग्रह योग्य होता है। समीक्षित अंक में भी वैशिवक स्तर पर हिंदी साहित्य व भाषा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यो व कार्यक्रमों का समावेश किया गया है। पत्रिका के मुखपृष्ठ पर प्रकाशित निराला स्मृति समारोह हिंदी साहित्य के क्षेत्र में वहां किए जा रहे कार्यो का झलक प्रस्तुत करता है। विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा अक्टूबर 2012 में आयोजित इस कार्यक्रम में श्री सत्येदेव टेंगर, मेघा गणपत, सुश्री अनुपमा चमन सहित अन्य विशिष्ठजन उपसिथत थे। हिंदी कहानी जगत के प्रतिषिठत हस्ताक्षर तेजेन्द्र जी के व्यकितव व Ñतित्व पर आयोजित कार्यक्रम एशियन कम्युनिटि हाल लंदन में आयोजित किया गया। कार्यकम में अपने उदबोधन में ख्यात कथाकार व हंस के संपादक श्री राजेन्द्र यादव ने कहा, ''तेजेन्द्र शर्मा मुख्यधारा के कहानीकार हैं और उनकी कहानियों ने हिंदी कहानी को नए कथानक दिए हैं।
महात्मा गांधी संस्थान के सुब्रमण्यम भारती सभागार में आयोजित वसंत ओर रिमझिम साहितियक प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरण समारोह से समाचार आश्वस्त करता है कि हिंदी भाषा व उसका साहित्य व दुनिया को अंतर्मन तक प्रभावित करने लगा है। यह जानकार पाठकों को सुखद अनुभूति होगी कि मारिशस का हिंदी साहित्य अब कविताकोश पर उपलब्ध हो गया है। वातायन पोयट्री सम्माान का समाचार बि्रटे्रन में हिंदी के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यो की जानकारी देता है। कनाडा से प्रकाशित पत्रिका के संपादक श्री श्याम त्रिपाठी जी का मिले सरस्वती सम्मान का समाचार पत्रिका का प्रमुख आकर्षण है। श्याम त्रिपाठी एवं श्रीमती सुधा ओम ढीगरा ने विश्वस्तर पर हिंदी साहित्य व भाषा को सुव्यवसिथत ढंग से स्थापित करने का जो भागीरथी प्रयास किया है उसके लिए उन्हें भारत में भी सम्मानित किया जाना चाहिए। आधारसिला संस्था द्वारा मारिशस में हिंदी सम्मेलन तथा फेसबुक मैत्री सम्मेलन का समाचार पत्रिका में प्रकाशित अच्छी जानाकारी है। भारतीय मानक देवनागरी लिपि तथा हिंदी वर्तनी का लोकपर्ण, दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन, आशीर्वाद द्वारा लगातार 24 घण्टे कवि सम्मेलन का आयोजन करना आदि समाचार हिंदी के प्रति स्वीकार्यरता तथा निष्ठा प्रदर्शित करते हैं। साहित्य मण्डल नाथद्वारा का सम्मान समारोह अपने आप में विशिष्ठ आयोजन है, जिस हिंदी प्रेमी ने इस आयोजन को देखा है वह कभी उसे भुला नहीं पाएगा। डा. सुरेश शुक्ल चंद्र एवं प्रतिभा राय हिंदी के ऐसे हस्ताक्ष्ज्ञर हैं जिनके योगदान पर अभी बहुत कार्य किया जाना शेष है। स्व. भवानी प्रसाद मिश्र जी के जन्मशताब्दी समारोह की अखिलेश शुक्ल द्वारा भेजी गर्इ रिपोर्ट इस कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत करती है। पत्रिका के अन्य समाचार भी अपने आप में ज्ञानवर्धक, जानकारीपरक तथा रोचक हैं। गंगाधर सिंह सुखलाल द्वारा लिखा गया संपादकीय 'हिंदी के मूल्य और हिंदी का मूल्य हिंदी को नए सिरे से संवारने की जरूरत पर बल देते हैं।
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