पत्रिका-भाषा स्पंदन, अंक-30, स्वरूप-त्रैमासिक, संपादक-डाॅ. मंगल प्रसाद, पृष्ठ-64, रेखंाकन/ग्राफिक्स -जानकारी उपलब्ध नहीं, मूल्य- 25 रू. (वार्षिक 100 रू.), वेवसाइट -उपलब्ध नहीं , फोन: 080.25710355 ईमेल- , संपर्क: कर्नाटक हिंदी अकादमी, 853, 8वां क्रास, 8 वां ब्लाक, कोरमंगला, बेंगलूर 560095
भाषा स्पंदन कर्नाटक से प्रकाशित होने वाली साहित्य की प्रमुख पत्रिका है। पत्रिका के समीक्षित अंक में अमरसिंह वधान, राजेन्द्र परदेसी, सुश्री लीला मोदी, एवं संदीप अवस्थी के पठनीय आलेखों का प्रकाशन किया गया है। प्रकाशित कहानियों में संदीप अवस्थी की वेदिका, रघुनंदन प्रसाद तिवारी(गूलर का ठूठ) तथा मनीष कुमार सिंह(गुडडी का सिलेबस) प्रभावित करती है। रामस्नेहीलाल शर्मा, रमेश चंद्र शर्मा, नीरा प्रसाद, लक्ष्मी सिंह ठाकुर, ज्ञानेन्द्र साज, राजीव कुलश्रेष्ठ, मनोज जैन, सुनीता सैनी, संध्या विश्व तथा सूरजपाल चैहान की कविताएं उल्लेखनीय है। विविध स्तंभ के अंतर्गत अन्नपूर्णा श्रीवास्तव, पंकज शर्मा तथा डाॅ. मंगल प्रसाद के आलेख विशिष्ठ हैं।
भाषा स्पंदन कर्नाटक से प्रकाशित होने वाली साहित्य की प्रमुख पत्रिका है। पत्रिका के समीक्षित अंक में अमरसिंह वधान, राजेन्द्र परदेसी, सुश्री लीला मोदी, एवं संदीप अवस्थी के पठनीय आलेखों का प्रकाशन किया गया है। प्रकाशित कहानियों में संदीप अवस्थी की वेदिका, रघुनंदन प्रसाद तिवारी(गूलर का ठूठ) तथा मनीष कुमार सिंह(गुडडी का सिलेबस) प्रभावित करती है। रामस्नेहीलाल शर्मा, रमेश चंद्र शर्मा, नीरा प्रसाद, लक्ष्मी सिंह ठाकुर, ज्ञानेन्द्र साज, राजीव कुलश्रेष्ठ, मनोज जैन, सुनीता सैनी, संध्या विश्व तथा सूरजपाल चैहान की कविताएं उल्लेखनीय है। विविध स्तंभ के अंतर्गत अन्नपूर्णा श्रीवास्तव, पंकज शर्मा तथा डाॅ. मंगल प्रसाद के आलेख विशिष्ठ हैं।
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