
हिंदी तथा उर्दू जबानों की खुबसूरती को सहेजकर प्रस्तुत करने वाली पत्रिका परिधि का समीक्षित अंक समसामयिक रचनाओं से युक्त है। अंक में प्रमुख रूप से ग़ज़लों, लघुकथाओं तथा कहानियों को प्रमुख रूप से स्थान दिया गया है। आनंद स्वरूप श्रीवास्तव, सैयद अली मजर हासिमी, सुरेश आचार्य के लेख तथा व्यंग्य प्रभावित करते हैं। कहानियों में मंजूर एहतेशाम की कहानी विशिष्ठ है। निरंजना जैन, कुमार शर्मा, वल्लभ लाल बच्चन तथा रघुनंदन चिले की कहानियों में नवीनता है। ग़ज़लों में चंद्रसेन विराट, क्रांति जबलपुरी, अशोक गुलशन सहित अन्य रचनाकारों की ग़ज़लें उत्तम है। पत्रिका केे गीत कविताएं, मुक्तक तथा अन्य रचनाएं भी स्तरीय है।
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