
पत्रिका साहित्य सागर का प्रत्येक अंक आंशिक रूप से किसी न किसी साहित्यकार अथवा रचनाकार पर एकाग्र होता है। उसी तारतम्य में समीक्षित अंक भी ख्यात रचनाकार मयंक श्रीवास्तव पर एकाग्र है। अंक में उनके समग्र व्यक्तित्व पर अच्छे आलेखों का प्रकाशन किया गया है। पत्रिका में आशा सक्सेना व अर्चना प्रकाश के गीत तथा प्रभुदयाल मिश्र का वेद विमर्श प्रभावित करता है। आकांक्षा सक्सेना व सुरेन्द्र भारद्वाज का आलेख अच्छा व पठनीय है। मयंक जी पर विद्यानंदन राजीव, समसनेही लाल यायावर, मधुकर अष्ठाना, ओमप्रकाश सिंह, यतीन्द्र नाथ राही, कमलकांत सक्सेना, राधेश्याम शुक्ल, जंगबहादुर श्रीवास्तव तथा सुरेश गौतम के आलेख संग्रह योग्य हैं। दिवाकर वर्मा का आलेख मेरा गीत है मयंक श्रीवास्तव एक सस्वर कवितापाठ सा आनंद देता है। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं व आलेख भी विशेष महत्व के हैं।
Ji Aapka Blog dekha. Badhiya hai .
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