पत्रिका: सुख़नवर, अंक: जनवरी-फरवरी 2011, स्वरूप: द्वैमासिक, संपादक: अनवारे इस्लाम, आवरण/रेखाचित्र: पारस दासोत, , पृष्ठ: 48, मूल्य: 25 रू.(वार्षिक 170 रू.), ई मेल:sukhanwar12@gmail.com ,वेबसाईट: www.patrikasukhanwar.blogspot.com , फोन/मोबाईल: 09893663536, सम्पर्क: सी 16, सम्राट कालोनी, अशोका गार्डन, भोपाल 462023 म.प्र.
हिंदी व उर्दू ज़बानों के लिए समान रूप से समर्पित पत्रिका सुख़नवर का समीक्षित अंक रचनात्मकता ये युक्त है। अंक में सुरेश पंड़ित, का लेख कितनी रामायण कैसी रामायण अलग ढंग का विचार है। ग़ज़लों में ओमप्रकाश यति, मलिक जादा जावेद, जिया फारूकी, सईद रहमानी, अकबार जबलपुरी, महबूब राही, एस. ए. जैदी, विजय तिवारी, इश्क सुलतानपुरी महावीर सिंह दुखी प्रभावित करते हैं। अल्ताफ़ सीरोज, सुरेन्द्र प्रकाश, पारस दासोत, विजय कुमार सम्पती, निरंजना जैन मंे नवीन दृष्टिकोण व विचारधारा समाहित है। अंक की अन्य रचनाएं भी प्रभावित करती है।
إرسال تعليق