पत्रिका: समावर्तन, अंक: जनवरी 2011,स्वरूप: मासिक, संपादक: रमेश दवे, पृष्ठ: 96, मूल्य: 25रू (वार्षिक: 250रू.), ई मेल: samavartan@yahoo.com ,वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, फोन/मोबाईल: 0340.2524427, सम्पर्क: माधवी 129, दशहरा मैदान, उज्जैन म.प्र.
प्रतिष्ठित पत्रिका समावर्तन का समीक्षित अंक ख्यात साहित्यकार उपेन्द्रनाथ अश्क जी पर आंशिक रूप से एकाग्र है। अंक में उनके समग्र व्यक्तित्व पर कमलेश्वर, विजय बहादुर सिंह के लिखे आलेखों का प्रकाशन किया गया है। उनकी कविताएं तथा अन्य रचनाएं साहित्य के नए पाठकों के लिए उपयोगी है। केशव तिवारी की कविताओं पर निरंजन श्रोत्रिय ने अच्छा विश्लेषण प्रस्तुत किया है। प्रणव कुमार बंधोपाध्याय, कमर मेवाड़ी, सिम्मी हर्षिता की रचनाएं विशिष्ट व ज्ञानवर्धक हैं। सुनीता जैन, केशव शरण, चंद्रभान भारद्वाज, पूनम गुजरानी तथा जहीर कुरेशी की कविताएं प्रभावित करती है।
रंगशीर्ष के अंतर्गत वसंत पोतदार पर प्रकाशित जानकारी उपयोगी व संग्रह योग्य है। महिमा जोशी व विष्णु चिंचलांकर के आलेख उनके रंगकर्म पर संक्षिप्त किंतु उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करते हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं भी प्रभावित करती है।
रंगशीर्ष के अंतर्गत वसंत पोतदार पर प्रकाशित जानकारी उपयोगी व संग्रह योग्य है। महिमा जोशी व विष्णु चिंचलांकर के आलेख उनके रंगकर्म पर संक्षिप्त किंतु उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करते हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं भी प्रभावित करती है।
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