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साहित्य जगत की प्रतिष्ठित पत्रिका समावर्तन का समीक्षित अंक ख्यात साहित्यकार लेखिका सुधा अरोड़ा पर एकाग्र है। पत्रिका ने उनके समग्र व्यक्तित्व को बड़े ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है। उनका आत्मकथ्य, कविताएं तथा अन्य रचनाएं साहित्य के नए जानकारों के लिए संजोकर रखने योग्य है। पत्रिका के संपादक रमेश दवे तथा प्रज्ञा रावत के लेख उनके लेखन व सामाजिक जीवन के संबंध में बहुत कुछ उजागर करते हैं। अन्य रचनाओं में निरंजन श्रोत्रिय द्वारा चयनित अपर्णा मनोज की कविताएं इस विधा के प्रति समपर्ण का भाव जाग्रत करती है। प्रणव कुमार बंधोपाघ्याय का यात्रा विवरण, परिधि शर्मा की कहानी तथा कमलेश्वर साहू व राजेन्द्र नागदेव की कविताएं अच्छी व सरसता लिए हुए हैं। वरिष्ठ साहित्यकार संतोष चैबे पर एकाग्र खण्ड में आफाक अहमद, सविता भार्गव, सुधीर पचैरी, आलेख तथा महेन्द्र गगन से बातचीत पत्रिका के अन्य आकर्षण हैं। प्रताप सिंह सोढी की लघुकथाएं, गिरीश रस्तोगी, ओम प्रभाकर के लेख, विनय उपाध्याय के कालम सहित अन्य रचनाएं भी प्रभावित करती हैं।
sundar samiksha
जवाब देंहटाएंसमावर्तन स्तरीय पत्रिका है।मैं आपकी पात्रिका में आलेख भेजना चाहता हूं। आगामी अंक की रूपरेखा बताये क्या वह सामान्य होगा या विशेषांक!
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