
कथाप्रधान इस त्रैमासिकी में समसामयिक विषयों पर एकाग्र कहानियों व लघुकथाओं का प्रकाशन किया गया है। अंक में प्रकाशित प्रमुख कहानियांे में उसका फैसला(पुष्पा सक्सेना), मोक्षदायिनी(सुभाष चंद गांगुली), वापसी(उषा भटनागर), टुटपंुजिया(गोविंद उपाध्याय) एवं बंद ताला(मीनाक्षी स्वामी) प्रमुख कहानियां है। संजय जनागल, सुरेंन्द्र गुप्त, पंकज शर्मा एवं सिराज अली की लघुकथाएं भी प्रभावित करती है। राजेन्द्र निशेष, प्रेमप्रकाश चौबे, मधुप्रसाद, किशोर काबरा, नसीम अख्तर, सुदर्शन प्रियदर्शनी की कविताएं, ग़ज़लें समाज के कमजोर वर्ग को साहित्य के माध्यम से अभिव्यक्ति देने का सटीक प्रयास है। पत्रिका के अन्य स्थायी स्तंभ, समाचार पत्र आदि भी उपयोगी व जानकारीपरक हैं।
एक टिप्पणी भेजें