पत्रिका: विश्व हिंदी समाचार, अंक: मार्च 2011, स्वरूप: त्रैमासिक, संपादक: गंगाधर सिंह सुखलाल, पृष्ठ: 20, मूल्य: प्रकाशित नहीं, ई मेल: ,वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, फोन/मोबाईल: 230.6761196,
मॉरिशस से प्रकाशित इस पत्रिका में दुनिया भर के साहित्यिक समाचार प्रकाशित किए जाते हैं। इस अंक में भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 10 जनवरी विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर संदेश का प्रकाशन किया गया है। इसी अवसर पर मॉरिशस गणराज्य के महामहिम सर अनिरूद्ध जगन्नाथ के विचार भी महत्वपूर्ण हैं। इस पुनीत अवसर पर विश्व हिंदी पत्रिका 2010 का भी लोकापर्ण किया गया। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय हिंदी प्रतियोगिता का आयोजन किए जाने का समाचार भी सुंद ढंग से प्रकाशित किया गया हैै। पत्रिका के माध्यम से यह जानकर सुखद लगता है कि दुनिया भर में इस दिवस को धूमधाम से मनाया जाता है। पत्रिका के पृष्ठ 4 एवं 5 पर दोहा, न्यूयार्क, बेइजिंग, कैरो, देहरादून, ओमान, कुबैत, सूरीनाम तथा नोएडा में इस दिवस को मनाने का समाचार आकर्षक प्रस्तुति है। विश्व हिंदी सचिवालय की तीसरी वर्षगांठ का समाचार इस संस्था के कियाकलापों के संबंध में बहुत कुछ स्पष्ठ करता है। सचिवालय द्वारा इस अवसर पर दो दिवसीय हिंदी संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 11 एवं 12 फरवरी कोे किया गया। आयोजन का विस्तृत समाचार गोष्ठी की सफलता के संबंध में जानकारी प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त सूचना प्रोद्योगिकी में हिंदी की बढ़त, मॉरिशस में हिंदी बाल चित्र समारोह, संस्था कथ यूके सम्मानित, अंतर्राष्ट्रीय पुश्किन सम्मान कवि आलोक श्रीवास्तव को मिला समाचार भी पत्रिका को जानकारी परक व ज्ञानवर्धक बनाते हैं। पत्रिका के संपादक गंगाधर सिंह सुखलाल का कथन, ‘हिंदी कौन बोलता है? इस छोटे से प्रश्न में हिंदी के वैश्विक रूप के उद्घाटन की कुंजी निहित है।’ संपादकीय का केन्द्रीय बिंदु है जिसपर गंभीरता से विचार किए जाने की आवश्यकता है। पत्रिका का कलेवर, साज सज्जा व आकर्षक प्रस्तुति प्रभावित करती है।
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