पत्रिका: साहित्य परिक्रमा, अंक: जनवरी-मार्च2011, स्वरूप: त्रैमासिक, संरक्षक: डाॅ. बलवत जानी, प्रबंध संपादक: जीत सिंह जीत, संपादक: मुरारी लाल गुप्त गीतेश, पृष्ठ: 128, रेखा चित्र/छायांकन: जानकारी नहीं, मूल्य: 15रू.(द्विवार्षिक 100), ई मेल: , वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, फोन/मो. 09425407471, सम्पर्क: राष्ट्रोत्थान भवन, माधव महाविद्यालय के सामने, नई सड़क, ग्वालियर म.प्र.
ख्यात साहित्यिक पत्रिका साहित्य परिक्रमा का समीक्षित अंक उसमें प्रकाशित आलेखों के कारण महत्वपूर्ण है। अंक में मानव जीवन की आस्था, साहित्य एवं संस्कृति से संबंधित आलेखांे का प्रकाशन किया गय है। प्रकाशित प्रमुख लेखों में डाॅ. नंदलाल मेहता, आचार्य मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, प्रो. धर्मपाल मैनी, डाॅ. बद्री प्रसाद पंचोली, दयाकृष्ण विजयवर्गीय, रामेश्वर मिश्र पंकज, एन. सुदरम, उमेश कुमार सिंह, विश्वमोहन तिवारी, डाॅ. देवेन्द्र दीपक, भुवनेश्वर प्रसाद गुरूमैना, यतीन्द्र तिवारी, हदयनारायण दीक्षित, मिथलेश दीक्षित, नीरजा माधव, कमलकांत झा, अजित गुप्त, श्रीमती संपत देवी मुरारका, डाॅ. श्रीराम परिहार, वासुदेवन शेष, कृष्णचंद्र गोस्वामी, मृत्यंुजय उपाध्याय, कन्हैया सिंह, शिवकुमार पाण्डेय, डाॅ. कृष्ण मुरारी शर्मा, निर्झरी महेता, संजय पंकज, रामप्रकाश अनुरागी, शशि प्रभा क्रांति कनाटे, रवीन्द्र कुमार उपाध्याय, ज्वाला प्रसाद कौशिक के लेख उल्लेखनीय हैं। अन्य रचनाओं में रानू मुखर्जी, कुसुम शर्मा प्रभावित करते हैं। पत्रिका का संपादकीय आस्था तत्व और भारतीय साहित्य प्रभावित करता है।
एक और पत्रिका के बारे में अच्छी जानकारी...
जवाब देंहटाएंaap bahut hi accha kam kar rahe hai. aisi sahitya diwangi kam hi dekhne ko milti hai.
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