पत्रिका: मैसूर हिंदी प्रचार परिषद पत्रिका, अंक: दिसम्बर 2010, स्वरूप: मासिक, संपादक: डाॅ. वि. रामसंजीवैया, डाॅ. मनोहर भारती, पृष्ठ: 52, रेखा चित्र/छायांकन: जानकारी उपलब्ध नहीं, मूल्य: 5रू.(वार्षिक 60), ई मेल: brsmhpp@yahoo.co.in , वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, फोन/मो. 08023404892, सम्पर्क: 58, वेस्ट आॅफ कार्ड रोड़, राजाजी नगर, बेंगलूर (कर्नाटक)
इस साहित्यिक पत्रिका का स्वरूप हिंदी साहित्य की सभी विधाआंे के साथ समान रूप से न्याय करता है। अंक में एस.पी. केवल, रामचरण यादव, डाॅ. महेश चंद्र शर्मा, प्रो. सुनीता विवेक, डाॅ. एम. शेषन, हितेष कुमार शर्मा, विजय राघव रेड्डी, डाॅ. परमानंद पांचाल, प्रो. बी. बै. ललिताम्बा, डाॅ. टी. जी. प्रभाकर प्रेमी, श्रीमती पे्रमलता मिश्रा, नंदकिशोर शर्मा तथा चतुर्भुज सहाय के लेख प्रभावित करते हैं। देवेन्द्र कुमार मिश्रा की कहानी तथा स्तरीय है। सदाराम सिन्हा, डाॅ. रामनिवास मानव, नरेन्द्र सिंह सिसोदिया, रमेश चंद्र शर्मा चंद्र, लालता प्रसाद मिश्र, रामचरण यादव, त्रिलोक सिंह ठकुरेला की कविताएं अच्छी हैं। बी. गोविंद शेनाय तथा रामनिवास मानव की लघुकथाएं समयानुकूल हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं व पत्र आदि भी अपेक्षित स्तर के हैं।
इस साहित्यिक पत्रिका का स्वरूप हिंदी साहित्य की सभी विधाआंे के साथ समान रूप से न्याय करता है। अंक में एस.पी. केवल, रामचरण यादव, डाॅ. महेश चंद्र शर्मा, प्रो. सुनीता विवेक, डाॅ. एम. शेषन, हितेष कुमार शर्मा, विजय राघव रेड्डी, डाॅ. परमानंद पांचाल, प्रो. बी. बै. ललिताम्बा, डाॅ. टी. जी. प्रभाकर प्रेमी, श्रीमती पे्रमलता मिश्रा, नंदकिशोर शर्मा तथा चतुर्भुज सहाय के लेख प्रभावित करते हैं। देवेन्द्र कुमार मिश्रा की कहानी तथा स्तरीय है। सदाराम सिन्हा, डाॅ. रामनिवास मानव, नरेन्द्र सिंह सिसोदिया, रमेश चंद्र शर्मा चंद्र, लालता प्रसाद मिश्र, रामचरण यादव, त्रिलोक सिंह ठकुरेला की कविताएं अच्छी हैं। बी. गोविंद शेनाय तथा रामनिवास मानव की लघुकथाएं समयानुकूल हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं व पत्र आदि भी अपेक्षित स्तर के हैं।
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