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पत्रिका केवल सच बिहार की राजधानी पटना से विगत पांच वर्ष से लगातार प्रकाशित हो रही है। समीक्षित अंक पत्रिका का संपादकीय संग्रह अंक है। पत्रिका नेे विगत पांच वर्ष में जो भी संपादकीय प्रकाशित किए हैं उन्हें पुनः प्रकाशित किया गया है। इनमें से प्रमुख है- बस एक और आंदोलन, हावी होती पश्चिमी सभ्यता, क्या हम आजाद हैं?, कौन है अपना और पराया, राजनीतिक उल्लू, झूठ बोल कौवा काटे, राम बड़े या रावण, न्यायालय और बढ़ता अपराध, दिल है कि मानता नहीं, अब और नहीं, जागते रहो जैसे उच्च कोटि के विचार योग्य संपादकीय का पुनः प्रकाशन पत्रिका का स्वर व उसकी दिशा की जानकारी देता है।
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