
यह पत्रिका हिंदुस्तान पेपर कारपोरेशन का मुखपत्र है। अंक में कारपोरेशन से संबंधित विचार व अन्य रचनाओं का समावेश किया गया है। प्रायः सभी लेखों में हिंदी व उसके राजभाषा स्वरूप पर विचार किया गया है। इनमें राकेश कुमार, कुसुम धीर, बसन्ती लाल बाबेल, दिग्विजय सिंह व अश्विनी कुमार के लेख प्रमुख हैं। पत्रिका में हिंदी के ख्यात आलोचक डाॅ. रामविलास शर्मा के दो लेखों को भी पत्रिका में प्रमुख रूप से स्थान दिया गया है। कृष्ण कुमार ग्रोवर, डाॅ. शहाबुद्दीन नियाज मुहम्मद शेख, डाॅ. प्रमथनाथ मिश्र, रवीन्द्र अग्निहोत्री तथा राजभाषा विभाग के संयुक्त सचिव का लेख भी उल्लेखनीय है।
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