पत्रिका: व्यंग्य यात्रा, अंक: अक्टूबर-दिसम्बर.09, स्वरूप: त्रैमासिक, संपादक: डाॅ. प्रेमजनमेजय, पृष्ठ: 164, मूल्य:20रू.(वार्षिकः 100रू.), ई मेल: vyangya@yahoo.com , वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, फोन/मो. (011)25264227, सम्पर्क: 73, साक्षर अपार्टमेंटस, ए-3, पश्चिम विहार नई दिल्ली 110063
व्यंग्य यात्रा की त्रैमासिकी का यह अंक ख्यात कथाकार व्यंग्यकार नरेन्द्र कोहली पर एकाग्र है। उप पर पत्रिका ने संग्रह योग्य सार्थक व सारगर्भित सामग्री का प्रकाशन किया है। नरेन्द्र कोहली जी की व्यंग्य रचनाएं एक बार फिर पत्रिका ने पढ़ने के लिए उपलब्ध करा कर पाठक को उनके लेखन से जुड़ने का एक और अवसर प्रदान किया है। उनके समग्र लेखन पर यज्ञ शर्मा, मनोहर पुरी, जवाहर चैधरी, प्रेम जनमेजय, हरीश नवल व संतोष खरे के विचार उल्लेखनीय हैं। उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर क्रमशः ज्ञान चतुर्वेदी, प्रेमजनमेजय, सूर्यबाला, गिरीश पंकज, विवेकी राय, रमेश बतरा, तेजेन्द्र शर्मा, सी. भास्कर राव व मीरा सीकरी का दृष्टिकोण अधिक उपयोगी लगा। पत्रिका की अन्य रचनाएं व स्थायी स्तंभ भी जनमेजयी हैं। एक और अच्छे व सार्थक अंक के लिए बधाई।
एक और अच्छे व सार्थक अंक के लिए आप को भी बधाई।
जवाब देंहटाएंjaankaari dene ka dhanywaad ....
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