
संस्कृत साहित्य की यह पत्रिका देश में प्रकाशित होने वाली प्रमुख लघु पत्रिका है। पत्रिका में स्वाधीनता संग्राम, विदेशातंक नाशार्थम् जैसी उपयोगी व जानकारीपरक रचनाएं प्रकाशित की गई है। विश्व धर्म क्या है तथा उसका स्वरूप कैसा होना चाहिए इसे भी पत्रिका ने स्पष्ट किया है। घर, परिवार, समाज, देश, विदेश, कार्यस्थल, समारोह, पर्यटन एवं तीर्थस्थानों पर मनुष्य के व्यवहार की व्याख्या पत्रिका ने स्लोकों के माध्यम से की है। विशुद्ध साहित्यिक पत्रिका न होते हुए भी इसका मूल स्वर मानवतावादी है।
अच्छी जानकारी। धन्यवाद।
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