
गागर में सागर इस पत्रिका के समीक्षित अंक में ख्यात कवि कुुंवर नारायण की कविताओं को स्थान दिया गया है। अमृता प्रीतम की लगभग अपठित कहानी गरूड़ गंगा पाठकों को अवश्य ही प्रभावित करेगी। अंक की सबसे अधिक संुदर रचना मंगलेश डबराल की कविता शरीर है। श्याम सुंदर दुबे तथा राम पुनियानी के आलेख विशिष्ट शैली में लिखे गए हैं।
शुक्रिया अखिलेश जी इस जानकारी के लिये
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