
पत्रिका का समीक्षित अंक पठनीय रचनाओं से युक्त है। प्रमोद कुमार, मंजुला वाधवा एवं ओम प्रकाश बजाज के आलेख प्रभावित करते हैं। जसवंत सिंह विरदी एवं श्याम सखा ‘श्याम’ की कहानी पाठक को बांधे रखती है। चांद शर्मा, शरद तैलंग, रमेश सोबती की कविताएं नए विषयों की सफल प्रस्तुति है। लघुकथाओं में संतोष सुपेकर, दिलीप भाटिया एवं सत्य प्रकाश भारद्वाज विशेष रूप से प्रभावित करते हैं। पत्रिका का प्रस्तुतिकरण प्रभावशाली व सहज सरल है।
कहा से इअतनी सारी जानकारी लाते है आप. बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
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