
वर्ष 2009 का यह प्रथम अंक है। इसका प्रकाशन-संपादन प्रख्यात कथाकार पे्रमचंद ने किया था। उसी परंपरा को बहुत ही सुदंर ढंग से श्री राजेन्द्र यादव ने बाखूबी आगे बढ़ाया है। समीक्षित अंक में पांच कहानियां शामिल की गई हैं। जिनमें ‘निजी अनुभव की घटना’(ब्लादिमीर तूष्कोव), ‘पेड़ लगाकर फल खाने का वक्त नहीं’(सुभाष चंद्र कुशवाहा), ‘दो चित्रःचहूडा’(सूरजपाल चैहान), ‘लहुलुहान कौन’(प्रतिभा), ‘ओह ये नीली आंखें’ (रमणिका गुप्ता), ‘वो आखिरी बार सैनफ्रांसिस्को में देखी गई थी’(सोहन शर्मा) उल्लेखनीय है। ‘न हन्तये’ के अंतर्गत दो आलेख एक इतिहास का संत’(मुद्राराक्षस) तथा अनामदास की पत्रकारिता(डाॅ.विकास कुमार झा) लिए गए हैं। राजेन्द्र नागदेव, अनिल गंगल, हरभगवान चावला एंव दिनेश विजय की कविताओं में से प्रतीकात्मक कविता ‘पांच बूढ़े’(राजेन्द्र नागदेव) तथा ‘सानिया मिर्जा के लिए’(अनिल गंगल) बाजारवाद को प्रगतिशील नजरिए से देखती प्रतीत होती है। जिन्होंने मुझे बिगाड़ा’ के अंतर्गत कश्मीरा सिंह ने ‘सच’ को व्यक्तित्व विकास के लिए महत्वपूर्ण कारक माना है। सच बोलना उन्होंने मां से सीखा जिसकी बदौलत उन्हें जीवन सुख हासिल हुआ। ‘बीच बहस मंे’ के अंतर्गत कनक तिवारी एवं दिनेश प्रताप सिंह के आलेख पत्रिका की धार को तीव्र करते दिखाई देते हैं। मैत्रेयी पुष्पा का संस्मरण ‘अम्मी मुझे पहचानों’ पाठकों को लेखिका के असाधारण व्यक्तित्व की गहराई में उतारता चला जाता है। इस अंक का प्रमुख आलेख परिक्रमाःहिंदी साहित्यःवर्ष 2008(भारत भारद्वाज) है। इस आलेख में वर्ष 2008 की साहित्यिक लेखन, प्रकाशन एवं प्रमुख गतिविधियों पर विचारात्मक चिंतन प्रस्तुत किया गया है। अन्य स्थायी स्तंभ - कसौटी, रेतघड़ी, लेकिन दरवाजा, निरूत्तर, परख, हमेशा की तरह उपयोगी व पठनीय है।
iske baare mein jankar bahut khushi hui......
ردحذفIt is ver y nice rivew on hans patrika.
ردحذفye sanskaran sarahaniya hai.
ردحذفNICE PATRIKA
ردحذفमै हंस को पढता था लेकिन लगता है की राजेंद्र यादव संपादन नहीं दादागिरी करते है जो मन में आया लिख दिया . इसी वजह से मैंने हंस पढना बंद कर दिया.
ردحذفकथा संसार संपादक - सुरंजन में मैंने लेख भी लिखा था हंस और आतंकवाद उर्फ़ राजेंद्र यादव. पता नहीं यादव जी ने पढ़ा या नहीं लेकिन मै चाहता था की वो इसे पढ़े. कभी हंस में भी कुछ लिख कर भेजना चाहता हूँ.
hans ko to rajendra yadav apni jageer samajhte hain
ردحذفi dont agree bcoz whatever Rajendra Yadav wrote i've totally been agree nd believe with his consideration
ردحذفi dont agree bcoz whatever Rajendra Yadav wrote i've totally been agree nd believe with his consideration
ردحذفhanuman ko atankwadi aur krishna ki premika dropdi ko batane se kis prakar ka concern hai ye jara sa explain karoge?
ردحذفap jaise logo ka utna level v to hona chahiye ki apko samjhana sarthak lge.
ردحذفap jaise logo ka utna level v to hona chahiye ki apko samjhana sarthak lge.
ردحذفaafreen aap kya apni seema se bahar jakr nahi bol rahe aapko lagta hai charcha ke star ka bhi gyan nahi .aap kisi se charcha kiye bina hi level decide kar lete hai. badiya gyan aur dimag paya hai apne. wah re x-ray masheen ke kal perje. aap dhanya hain.
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