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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से प्रकाशित यह पत्रिका रचनाधर्मियों की मासिक संवाद पत्रिका है। पत्रिका में बहुत ही संुदर ढंग से रचनाकारों-साहित्यकारों तथा बुद्धिजीवी पाठकों से संवाद स्थापित करने का प्रयास किया गया है। पत्रिका का पहला समाचार दुष्यंत कुमार अलंकरण की घोषणा का है। इस अलंकरण के अतर्गत डाॅ. अशोक चक्रधर को दुष्यंत अलंकरण तथा श्री इकबाल मजीद को अमृत साधना का समाचार है। गोविंद मिश्र को साहित्य अकादेमी पुरस्कार के समाचार के साथ-साथ दुष्यंत कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय के स्थापना दिवस समारोह की विस्तृत रिपोर्ट सचित्र सम्मलित की गई है। पत्रिका संग्र्रहालय में आने वाले अतिथियों का विवरण भी पत्रिका में देती है। इस बार इसके अंतर्गत श्रीमती राजेश्वर दुष्यंत, डाॅ. धनंजय वर्मा, श्रीमती गायत्री कमलेश्वर, श्री विश्वनाथ सचदेव तथा श्री गोपाल चतुर्वेदी सहित अन्य महत्वपूर्ण आगंतुकों का सचित्र विवरण सुदंर ढंग से प्रकाशित किया गया है। अन्य सभी स्थायी स्तंभ तथा समाचार पत्रिका को आकर्षक तथा संग्रह योग्य बनाते हैं। पत्रिका-आसपास, अंक-जनवरी.09, स्वरूप-मासिक, संपादक-राजुरकर राज सहा. संपादक-करूणा राज, मूल्य-60 रू.वार्षिक, 150 रू.त्रैवार्षिक, सम्पर्क-एच.03 उद्धवदास मेहता परिसर, नेहरू नगर भोपाल (म.प्र.) मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से प्रकाशित यह पत्रिका रचनाधर्मियों की मासिक संवाद पत्रिका है। पत्रिका में बहुत ही संुदर ढंग से रचनाकारों-साहित्यकारों तथा बुद्धिजीवी पाठकों से संवाद स्थापित करने का प्रयास किया गया है। पत्रिका का पहला समाचार दुष्यंत कुमार अलंकरण की घोषणा का है। इस अलंकरण के अतर्गत डाॅ. अशोक चक्रधर को दुष्यंत अलंकरण तथा श्री इकबाल मजीद को अमृत साधना का समाचार है। गोविंद मिश्र को साहित्य अकादेमी पुरस्कार के समाचार के साथ-साथ दुष्यंत कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय के स्थापना दिवस समारोह की विस्तृत रिपोर्ट सचित्र सम्मलित की गई है। पत्रिका संग्र्रहालय में आने वाले अतिथियों का विवरण भी पत्रिका में देती है। इस बार इसके अंतर्गत श्रीमती राजेश्वर दुष्यंत, डाॅ. धनंजय वर्मा, श्रीमती गायत्री कमलेश्वर, श्री विश्वनाथ सचदेव तथा श्री गोपाल चतुर्वेदी सहित अन्य महत्वपूर्ण आगंतुकों का सचित्र विवरण सुदंर ढंग से प्रकाशित किया गया है। अन्य सभी स्थायी स्तंभ तथा समाचार पत्रिका को आकर्षक तथा संग्रह योग्य बनाते हैं।
nihsandeh,maasik samvad ko lekar yah patrika ek alag sthaan rakhti hai,rakhegi......
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