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कनाडा के टोरंटो शहर से प्रकाशित यह पत्रिका संस्थागत पत्रिका न होकर स्नेह ठाकुर के हिंदी के प्रति प्रेम और समर्पण की परिचायक है। संपादक ने इस अंक में अपने संपादकीय में अपनी साहित्यिक गतिविधयों से भरी भारत की विस्तृत यात्रा का वर्णन किया है। इस अंक में भी कहानियों, लेखों, संस्मरणों, कविताओं और अंतरंग बातचीत से भरपूर है। इसमें डॉ. हरजेंद्र चौधरी की ॔नए फलेट में’ और उषा वर्मा की ॔इस बार’ तनावपूर्ण रिस्तों की अद्भुत कहानियां है। इस अंक की शोभा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. प्रभाकर श्रोत्रिय तथा डॉ. ि.त्रभुवननाथ शुक्ल के लेख व संस्मरण है। प्रख्यात कथाकार मन्नू भंडारी से संतोष गोयेल की बातचीत ने इस पत्रिका की सुंदरता में चार चांद लगा दिए हैं। आशा है वसुधा की यह सकि्रयता निरंतर जारी रहेगी। (विश्व हिंदी समाचार मॉरीशस में प्रकाशित समीक्षा से साभार)
शुभकामनाऐं.
ردحذفआपका यह प्रयास प्रशंसनिए है ........
ردحذفi wish to write poems in tihs patrika.plz guide thanks,
ردحذفsheel nigam
sir plz send me ur journals email singh.surjeet886@gmail.com
ردحذفHow can I publish my poems in pateuka.please give me email id
ردحذفSorry sir patrika
حذفअत्यंत महत्वपूर्ण
ردحذفहिन्दी साहित्य की समृद्धि के लिए
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