पत्रिका-साक्षात्कार, अंक-अक्टूबर 08, स्वरूप-मासिक, सलाहकार-मनोज श्रीवास्तव(सचिव, संस्कृति विभाग), पवन श्रीवास्तव(संचालक, संस्कृति विभाग), देवेन्द्र दीपक(निदेशक, प्रधान संपादक साहित्य अकादेमी भोपाल), हरि भटनागर (संपादक) मूल्य-15रू. वार्षिक 150 रू. सम्पर्क-साहित्य अकादेमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद, संस्कृति भवन वाण गंगा भोपाल म.प्र.
पत्रिका साक्षात्कार पुनः अपनी लय में आती हुई दिखाई दे रही है। इसकी रचनाओं का स्तर अंग्रेजी की पत्रिकाओं में प्रकाशित साहित्य के स्तर का है। प्रभु जोशी, कृष्ण चराटे, अमृतलाल वेगड, अपनी-अपन रचनाओं में विषय वस्तु को बांधे रखे हैं। पुष्पा तिवारी तथा मनीष वैद्य की कहानी प्रभावित करती है। हेनरी ओएल की जीवनी का वल्लभ सिद्घार्थ ने बहुत ही सटीक अनुवाद किया है। पत्रिका ने ओमप्रकाश मेहरा, प्रभुदयाल अग्रिहोत्री तथा भानुदेव शुक्ल को याद किया है। रमानाथ त्रिपाठी से बातचीत में उनकी साहित्यिक यात्रा के दर्शन होते हैं। प्रकाश मनु का संस्मरण, दिवाकर सिंह तथा कर्मेन्दु शिशिर का आलेख कुछ अधिक ही विस्तार पाकर कुछ बिखरा-बिखरा सा लगता है। सुधीर मेहता, उमाशंकर चौधरी तथा सुमन की कविताएं समय का सच्चा प्रतिनिधित्व करती है। अन्य रचनाएं भी अच्छी तथा पठ्नीय है। ईश्वर से कामना है कि यह उत्कृष्ट पत्रिका शीघ्र ही नियमित रूप से प्रकाशित होने लगे।

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