
मध्यप्रदेश से प्रकाशित होने वाली प्रमुख साहित्यिक पत्रिका का यह 99 वां अंक है। इस अंक का प्रमुख आलेख रमेश चन्द्र शाह का है जिसमें उन्होंने वर्तमान में सांस्कृतिक बहुलतावादी प्रवृत्तियों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया है। अजीत कुमार राय तथा नीरजा माधव के आलेख तथा बरिष्ठ कवि तथा आलोचक विश्वनाथ प्रसाद तिवारी से बातचीत पत्रिका की प्रमुख उपलब्धि है। अमिताभ शंकर राय चौधरी का नाटक मालाबार एक्सप्रेस तथा सुर्दशन वशिष्ट का व्यंग्य ॔डाक साब’ पठनीय रचनाएं हैं। नताश अरोड़ा तथा प्रेम कुमारी नाहटा की कहानियां तथा अन्य रचनाओं के अनुवाद से पत्रिका की खूबियों को उभारा है। श्रीकांत प्रसाद सिंह, विवेक रंजन श्रीवास्तव, विनोद कुमार ॔नयन’ रामशंकर चंचल, रमेश कुमार त्रिपाठी कविताओं में प्रभावित करते हैं। पुस्तक समीक्षाओं में युगेश शर्मा, डॉ. सुनीता खत्री, प्रमोद त्रिवेदी, फारूक आफरीदी तथा माताचरण मिश्र ने गंभीरता पूर्वक विचार किया है। अन्य रचनाएं भी पाठकों का ध्यान आकर्षित करती हैं।
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