पत्रिका: बाल वाटिका, अंक: अप्रैल2011,, स्वरूप: मासिक, संपादक: भेरूलाल गर्ग, पृष्ठ: 96, मूल्य: 15रू(वार्षिक 150रू.), ई मेल: balvatika96@gmail.com ,वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, फोन/मोबाईल: 01482.250401, सम्पर्क: नंद भवन, कांवाखेड़ा पार्क, भीलवाड़ा राजस्थान

बच्चों के विकास के लिए समर्पित देश की अग्रणी पत्रिका बाल वाटिका के इस अंक में ग्रीष्मकाल के में बच्चों की रूचि की सामग्री का प्रकाशन किया गया है। अंक में प्रकाशित बाल कहानियों में रामकुमार आत्रेय, लीला मोदी, जसवंत सिंह विरदी, गोवर्धन यादव, अरनी राबर्टस, उज्ज्वला केलकर, रमा तिवारी तथा मुकेश नौटियाल की कहानियां विशिष्ट महत्व की हैं। रावेन्द्र कुमार रवि, भगवती प्रसाद गौतम, राजा चैरसिया, राजनारायण चैधरी, योगेन्द्र सिंह भाटी, भगवती प्रसाद द्विवेदी तथा किशोर कुमार कौशल की कविताएं बाल मनोविज्ञान को समझ कर लिखी गई रचनाएं हैं। सत्यनारायण सत्य, रमेश मयंक व चक्रधर नलिन के आलेख भी स्तरीय व पठनीय हैं। शकंुतला कालरा का यात्रा विवरण, अन्य स्थायी स्तंभ व समीक्षाएं भी ध्यान आकर्षित करती हैं। बच्चों के विकास तथा चरित्र निर्माण में यह अंक सहायक है।

5 تعليقات

  1. tv internet ke samay me bhi bachchon ke liye patrikayen nikal rahi hai ye jan kar khushi hui...shubhakamnayen..

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  2. बहुत सुंदर जानकारी, धन्यवाद

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  3. preetipraveenauthor@gmail.com11 نوفمبر 2011 في 4:23 م

    Bachchon ki sahityik patrika se judna sukhad hai.
    aapke dwara di gai jankari mahatvapurna hai..sadhuwad

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  4. क्या आप बाहर से भी कहानियाँ आमंत्रित करते हैं?

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  5. क्या आप बाहर से भी कहानियाँ आमंत्रित करते हैं?

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