प्रतिष्ठित पत्रिका ‘नारी अस्मिता’ का हीरक जयंती विशेषांक
पत्रिका: नारी अस्मिता, अंक: दिसम्बर-मई 2013, स्वरूप: त्रैमासिक, संपादक: रचना निगम, आवरण/रेखाचित्र: जानकारी उपलब्ध नहीं, पृष्ठ: 80, मूल्य: 35रू.(वार्षिक 140रू.), ई मेल: , वेबसाईट: उपलब्ध नहीं , फोन/मोबाईल: 0265.6545817, सम्पर्क: 15, गोयागेट सोसायटी, शक्ति अपार्टमेंट, बी-ब्लाक, द्वितीय तल, एस-3, प्रतापनगर बडोदरा 390004
समीक्षित पत्रिका नारी विषयक ख्यात तथा प्रतिष्ठित पत्रिका है। पत्रिका का समीक्षित अंक हीरक जयंती विशेषांक है। अंक के अनुरूप ही पत्रिका में रचनाओं का समावेश किया गया है। पत्रिका महिला सशक्तिकरण के साथ साथ उत्थान के लिए भी संकल्पित है। अंक में प्रकाशित आलेख विचारयोग्य हैं व तर्कसंगत ढंग से पाठकों के सामने अपनी बात रखते हैं। नीलिमा टिक्कू, सुधा रानी श्रीवास्तव, अंजु दुआ जैमिनी, निर्झरी मेहता, रानु मुखर्जी, दिशा पण्डया, शुक्ला चैधरी तथा सरिता गुप्ता के आलेख विश्व की आबादी का कुशलतापूर्वक प्रतिनिधित्व करती है।
कहानियों में दोष किसका(प्रतिमा विप्रदास), एक जंग ऐसी भी(नताशा अरोड़ा) तथा नारी तू नारायणी(रंजना फतेहपुरकर) अपनी विषय वस्तु तथा प्रवाह के कारण प्रभावित करती है। साक्षात्कार खण्ड के अंतर्गत पत्रिका की संपादक डाॅ. रचना निगम द्वारा गुजरात राज्य की महिला आयोग की अध्यक्ष माननीय लीलाबेन अंकोलिया से लिया गया साक्षात्कार पत्रिका का केन्द्रीय भाव व्यक्त करता है। कथाकार डाॅ. निरूपमा राय से निशा प्रकाश द्वारा लिया गया साक्षात्कार, साहित्यकार सरोजनी महिषी तथा कानूनविद् श्रीमती सुधारानी श्रीवास्तव से लिए गए साक्षात्कार भी पत्रिका की भावना व्यक्त करते हैं। प्रतिभा श्रीवास्तव का आलेख विशिष्ठ व्यक्तित्व अनूपा इंदौर म.प्र. की प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता के कार्यो पर प्रकाश डालता है।
नवल जायसवाल का संरमरण्ण , विचारमंच के अंतर्गत पत्रिका की संपादक रचना निगम द्वारा परिवार के दायित्वों के निर्वाहन हेतु धन व्यवस्था पर उपयोगी व सार्थक विचार व्यक्त किए गए हैं। तूलिका गोयल, ए. कीर्तिवर्धन तथा नीता श्रीवास्तव, अनूप घई की लघुकथाएं पत्रिका के हीरक जयंति विशेषांक की उपयोगिता में चार चांद लगाती है। कविता के अंतर्गत गीतांजली चटर्जी, राखी सिंह, शशि श्रीवास्तव की कविताएं एवं विभा , एस. कासिम्बिी, आभा कुलश्रेष्ठ, नलिनी पुरोहित की ग़ज़लें कविताएं प्रभावित करती हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं, स्थायी स्तंभ आदि भी उपयोगी व जानकारीपरक हैं। पत्रिका के इस उपयोगी सार्थक व सृजनात्मक हीरक जयंति विशेषांक के लिए पत्रिका की संपादक रचना निगम के साथ साथ पूरी टीम बधाई की पात्र है।
पत्रिका: नारी अस्मिता, अंक: दिसम्बर-मई 2013, स्वरूप: त्रैमासिक, संपादक: रचना निगम, आवरण/रेखाचित्र: जानकारी उपलब्ध नहीं, पृष्ठ: 80, मूल्य: 35रू.(वार्षिक 140रू.), ई मेल: , वेबसाईट: उपलब्ध नहीं , फोन/मोबाईल: 0265.6545817, सम्पर्क: 15, गोयागेट सोसायटी, शक्ति अपार्टमेंट, बी-ब्लाक, द्वितीय तल, एस-3, प्रतापनगर बडोदरा 390004
समीक्षित पत्रिका नारी विषयक ख्यात तथा प्रतिष्ठित पत्रिका है। पत्रिका का समीक्षित अंक हीरक जयंती विशेषांक है। अंक के अनुरूप ही पत्रिका में रचनाओं का समावेश किया गया है। पत्रिका महिला सशक्तिकरण के साथ साथ उत्थान के लिए भी संकल्पित है। अंक में प्रकाशित आलेख विचारयोग्य हैं व तर्कसंगत ढंग से पाठकों के सामने अपनी बात रखते हैं। नीलिमा टिक्कू, सुधा रानी श्रीवास्तव, अंजु दुआ जैमिनी, निर्झरी मेहता, रानु मुखर्जी, दिशा पण्डया, शुक्ला चैधरी तथा सरिता गुप्ता के आलेख विश्व की आबादी का कुशलतापूर्वक प्रतिनिधित्व करती है।
कहानियों में दोष किसका(प्रतिमा विप्रदास), एक जंग ऐसी भी(नताशा अरोड़ा) तथा नारी तू नारायणी(रंजना फतेहपुरकर) अपनी विषय वस्तु तथा प्रवाह के कारण प्रभावित करती है। साक्षात्कार खण्ड के अंतर्गत पत्रिका की संपादक डाॅ. रचना निगम द्वारा गुजरात राज्य की महिला आयोग की अध्यक्ष माननीय लीलाबेन अंकोलिया से लिया गया साक्षात्कार पत्रिका का केन्द्रीय भाव व्यक्त करता है। कथाकार डाॅ. निरूपमा राय से निशा प्रकाश द्वारा लिया गया साक्षात्कार, साहित्यकार सरोजनी महिषी तथा कानूनविद् श्रीमती सुधारानी श्रीवास्तव से लिए गए साक्षात्कार भी पत्रिका की भावना व्यक्त करते हैं। प्रतिभा श्रीवास्तव का आलेख विशिष्ठ व्यक्तित्व अनूपा इंदौर म.प्र. की प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता के कार्यो पर प्रकाश डालता है।
नवल जायसवाल का संरमरण्ण , विचारमंच के अंतर्गत पत्रिका की संपादक रचना निगम द्वारा परिवार के दायित्वों के निर्वाहन हेतु धन व्यवस्था पर उपयोगी व सार्थक विचार व्यक्त किए गए हैं। तूलिका गोयल, ए. कीर्तिवर्धन तथा नीता श्रीवास्तव, अनूप घई की लघुकथाएं पत्रिका के हीरक जयंति विशेषांक की उपयोगिता में चार चांद लगाती है। कविता के अंतर्गत गीतांजली चटर्जी, राखी सिंह, शशि श्रीवास्तव की कविताएं एवं विभा , एस. कासिम्बिी, आभा कुलश्रेष्ठ, नलिनी पुरोहित की ग़ज़लें कविताएं प्रभावित करती हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं, स्थायी स्तंभ आदि भी उपयोगी व जानकारीपरक हैं। पत्रिका के इस उपयोगी सार्थक व सृजनात्मक हीरक जयंति विशेषांक के लिए पत्रिका की संपादक रचना निगम के साथ साथ पूरी टीम बधाई की पात्र है।
एक टिप्पणी भेजें