पत्रिका : अहल्या, अंक: जनवरी 2013, स्वरूप : मासिक, संपादक : श्रीमती आशादेवी सोमाणी, मूल्य : 25 रू.(वार्षिक),इ मेल : , फोन : 0402424804000, सम्पर्क : 14.1.498ए ज्ञानबाग रोड़, प्रकाश रोड़ लार्इन्स के सामने, पान मण्डी के पास, हैदराबाद (आं.प्र.)
हैदराबाद से प्रकाशित अहल्या स्त्राीविषयक विषयों के साथ साथ हिंदी साहित्य के वैशिवक स्वरूप का प्रतिनिधित्व करती है। समीक्षित अंक में रामकुमार गोयल, उमाकांत मालवीय, सुमित पी.वी., के आलेख उल्लेखनीय है।रामसहाय वर्मा का व्यंग्य 'नया पुराना वर्ष अहिंदीभाषी पाठकों के लिए भी समान रूप से उपयोगी है। हरिÑष्ण निगम, विजय कुमार, राहुल रोहिताश्व, रवीन्द्र श्रीवास्तव तथा डा. ताराचंद्र के विविध विषयों पर एकाग्र आलेख पत्रिका की मंशा के अनुरूप हैं। विधाभास्कर वाजपेयी का धारावाहिक उपन्यास 'मझली रानी का समापन स्वागत योग्य है। सुरेखा शर्मा, डा. पूरन सिंह, श्यामा गुप्ता व माया शर्मा की कहानियां, महेन्द्र सिंह शेखावत, अमित कुमार राही, लीला मोदी की लघुकथाएं अच्छी व पठनीय हैं। कविताओं में दिवाकर पाण्डेय, आचार्य भगवत दुबे, रामशंकर चंचल, अशोक अंजुम, कैलाश निगम, सुनीता शर्मा, श्यामलाल कौशल, जितेन्द्र सुकुमार, उमेश कुलश्रेष्ठ एवं ओमप्रकाश बजाज प्रभावित करते हंै। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं भी स्तरीय व पाठकों के लिए जानकारीपरक है।
हैदराबाद से प्रकाशित अहल्या स्त्राीविषयक विषयों के साथ साथ हिंदी साहित्य के वैशिवक स्वरूप का प्रतिनिधित्व करती है। समीक्षित अंक में रामकुमार गोयल, उमाकांत मालवीय, सुमित पी.वी., के आलेख उल्लेखनीय है।रामसहाय वर्मा का व्यंग्य 'नया पुराना वर्ष अहिंदीभाषी पाठकों के लिए भी समान रूप से उपयोगी है। हरिÑष्ण निगम, विजय कुमार, राहुल रोहिताश्व, रवीन्द्र श्रीवास्तव तथा डा. ताराचंद्र के विविध विषयों पर एकाग्र आलेख पत्रिका की मंशा के अनुरूप हैं। विधाभास्कर वाजपेयी का धारावाहिक उपन्यास 'मझली रानी का समापन स्वागत योग्य है। सुरेखा शर्मा, डा. पूरन सिंह, श्यामा गुप्ता व माया शर्मा की कहानियां, महेन्द्र सिंह शेखावत, अमित कुमार राही, लीला मोदी की लघुकथाएं अच्छी व पठनीय हैं। कविताओं में दिवाकर पाण्डेय, आचार्य भगवत दुबे, रामशंकर चंचल, अशोक अंजुम, कैलाश निगम, सुनीता शर्मा, श्यामलाल कौशल, जितेन्द्र सुकुमार, उमेश कुलश्रेष्ठ एवं ओमप्रकाश बजाज प्रभावित करते हंै। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं भी स्तरीय व पाठकों के लिए जानकारीपरक है।
अखिलेश जी कृपया हमें इस पत्रिका के संपादक का संपर्क नंबर दीजिए. बहुत जरूरी है
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