पत्रिका: सनद, अंक: 12, वर्ष: 3, स्वरूप: त्रैमासिक, संपादक: फ़जल इमाम मलिक, पृष्ठ: 84, मूल्य: 25 रू.(वार्षिक 100 रू.), वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, ईमेल: , फोन/मोबाईल: 9868018472 , सम्पर्क: 4बी, फ्रेंडस अपार्टमेंट्स, मधु विहार, गुरूद्वारा के पास, पटपड़गंज नई दिल्ली 110092
साहित्यिक पत्रिका सनद के समीक्षित अंक में विचारयोग्य कहानियों को प्रकाशन किया गया है। अंक में विपिन विहारी, जितेंद्र कुमार, मनीष कुमार सिंह, नदीम अहमद, पुष्पलता कश्यप की कहानियां विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। अफ़जल इमाम, श्रिम खेडि़या, नवल जायसवाल, शैली खत्री, सुलतान अहमद, शैल कुमारी, रितेंद्र अग्रवाल, प्रमोद त्रिवेदी, रति सक्सेना, अलीक, भगवानदास एजाज तथा कृपाशंकर शर्मा अचूक के गीत ग़ज़ल तथा कविताओं में नवीनता हैं दस्तावेज के अंतर्गत फैज अहमद फैज का आलेख प्रभावित करता है। रमणिका गुप्ता का आलेख स्त्री मुक्ति के सपनों का यथार्थ वर्तमान नारी मुक्ति आंदोलन पर नए सिरे से विचार है। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं तथा आलख्ेा भी विशिष्ठ हैं।
patrika par tippni kaise karen, patrika aapne bheji hi nahin, haan, Fazal bhai par kahen to tippni karen?
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