पत्रिका: साहित्य सागर, अंक: मई 2012, स्वरूप: मासिक, संपादक: कमलकांत सक्सेना, आवरण/रेखाचित्र: जानकारी उपलब्ध नहीं, पृष्ठ: 52, मूल्य: 20रू.(वार्षिक 240रू.), ई मेल: ,वेबसाईट: उपलब्ध नहीं , फोन/मोबाईल: 0755.42602783, सम्पर्क: 161 बी, शिक्षक कांग्रेस नगर, बाग मुगलिया, भोपाल म.प्र.
पत्रिका का समीक्षित अंक दोहा अंक है। कबीर, रहीम, तुलसीदास तथा बिहारी के इस विधा में योगदान की उपयोगिता सिद्ध की गई है। अंक में दोहा विधा पर विचार करते हुए इसे फिर से पुर्नजीवित करने का प्रयास किया गया है। अंक में प्रकाशित प्रमुख रचनाओं में यतीन्द्रनाथ राही, सनातन कुमार वाजपेयी, पं. गिरीमोहन गुरू, दिवाकर वर्मा, शंकर सक्सेना, आशा सोलंकी, आशा सक्सेना, के.पी. सक्सेना दूसरे, सौम्या जैन के दोहे व रचनाएं वर्तमान समय को प्रतिबिम्बित करते हैं। साधन वलबटे ने शरदा जोशी को स्मरण करते हुए उनके रचनात्मक योगदान पर प्रकाश डाला है।
पत्रिका का दूसरा खण्ड बुन्देलखण्ड के ख्यात रचनाकार राज गोस्वामी पर एकाग्र है। उनके समग्र व्यक्तित्व पर मंजु गोस्वामी, युगेश शर्मा, कंुवर किशोर टण्डन, मुरारीलाल गुप्त, हरिकृष्ण हरि, कामिनी, दिवाकर वर्मा, परशुराम शुक्ल, अवध किशोर सक्सेना, शरदनारायण खरे, डी.आर. राहुल, हुकुमपाल सिंह विकल, आलोक सोनी, ब्रजेश द्विवेदी तथा हरिकृष्ण हरि के लेख जानकारी परक हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं, समाचार पत्र आदि भी प्रभावित करते हैं।
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