पत्रिका: ज़मीन, अंक: 28, स्वरूप: अनियतकालीन, संपादक: पवन कुमार मिश्र, प्रमोद त्रिवेदी, पृष्ठ: 40, मूल्य: 25रू (वार्षिक: 100रू.), ई मेल: ,वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, फोन/मोबाईल: उपलब्ध नहीं, सम्पर्क: एफ-1, जलश्री कालोनी, उदयन मार्ग, उज्जैन म.प्र.
साज सज्जा में साधारण किंतु रचनात्मक रूप से असाधारण इस पत्रिका का समीक्षित अंक अत्यधिक प्रभावित करता है। अंक में रवीन्द्रनाथ टैगोर की जन्मशती पर प्रकाशित आलेख भारतीयता और भारतीय राष्ट्र(चिन्मय मिश्र) अपने आप में अद्वितीय है। अज्ञेय जी के साहित्य पहलू को लेकर लिखा आलेख अज्ञेय प्रेरक व्यक्तित्व(पूर्णचंद्र रथ) अज्ञेय की रचनाओं पर आधुनिक ढंग से विचार करता है। इसके अतिरिक्त नासिर अहमद सिंकदर का आलेख व अशोक पाराशर की कहानी फिर आई गाड़ी तथा श्रीराम दवे की कविताएं पाठकों पर विशिष्ठ छाप छोड़ती है। पत्रिका का यह अंक साहित्य के नए विद्यार्थियों के लिए सहेज कर रखने योग्य है।
साज सज्जा में साधारण किंतु रचनात्मक रूप से असाधारण इस पत्रिका का समीक्षित अंक अत्यधिक प्रभावित करता है। अंक में रवीन्द्रनाथ टैगोर की जन्मशती पर प्रकाशित आलेख भारतीयता और भारतीय राष्ट्र(चिन्मय मिश्र) अपने आप में अद्वितीय है। अज्ञेय जी के साहित्य पहलू को लेकर लिखा आलेख अज्ञेय प्रेरक व्यक्तित्व(पूर्णचंद्र रथ) अज्ञेय की रचनाओं पर आधुनिक ढंग से विचार करता है। इसके अतिरिक्त नासिर अहमद सिंकदर का आलेख व अशोक पाराशर की कहानी फिर आई गाड़ी तथा श्रीराम दवे की कविताएं पाठकों पर विशिष्ठ छाप छोड़ती है। पत्रिका का यह अंक साहित्य के नए विद्यार्थियों के लिए सहेज कर रखने योग्य है।
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