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सृजनात्मक सोच युक्त साहित्य अभियान का समीक्षित अंक विविधतापूर्ण रचनाओं से युक्त है। अंक में सुजीत कर, सनत कुमार नायक एवं प्रमोद जोशी केे विचारयुक्त आलेख प्रभावित करते हैं। शिक्षा, शिक्षक एंव विद्याथी परिचर्चा वर्तमान शैणक्षिक वातावरण में समसामयिक है व अच्छी सारगर्भित विवेचना प्रस्तुत करती है। रामधारीसिंह दिनकर, सीताराम गुप्ता, सनत कुमार नायक, तुकाराम कंसारी, श्याम नारायण श्रीवास्तव एवं मनीषा दिव्य भारद्वाज की कविताओं का स्वर समाज के पिछड़ों को अभिव्यक्ति प्रदान करता है। कृष्ण कुमार यादव, हसमुख रामदेपुत्रा सहित अन्य लेखकों की लघुकथाएं भी पठनीय व ध्यान देने योग्य हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं भी अपेक्षित स्तर की हैं व प्रभावित करती हैं।
विवरण तो प्रभावित कर रहा है. पत्रिका का मुख-पृष्ठ भी आकर्षक है.
जवाब देंहटाएंरायगढ़ से ऐसी पत्रिका निकलना अच्छी बात है
जवाब देंहटाएंपत्रिका बहुत अच्छी एवं हर अंक संग्रहणीय है....
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