पत्रिका: नारी अस्मिता, अंक: मार्च-अप्रैल-मई2011, स्वरूप: त्रैमासिक, संपादक: रचना निगम, पृष्ठ: 54, मूल्य: 25रू(वार्षिक 100रू.), ई मेल: nari_asmita@rediffmail.com , वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, फोन/मोबाईल: 0265.6545817, सम्पर्क: 15,गोयागेट सोसायटी, शक्ति अपार्टमेंट, बी-ब्लाक, द्वितीय तल, एस/3, प्रतापनगर, बडोदरा 390004 गुजरात महिला विषयक पत्रिका नारी अस्मिता के प्रत्येक अंक के समान इस अंक में भी नारी की अस्मिता व उसकी सक्रिय भागीदारी को लेकर विचारपूर्ण रचनाएं प्रकाशित की गई हैं। अंक में श्रीमती कांति अययर, प्रभा दीक्षित एवं श्रीकांत जरिया के लेख इच्छा मृत्यु एवं वर्तमान बदलते दौर के पक्षों पर अपने अपने ढंग से अभिमत स्थापित करते हैं। कहानियों में औरत की जात(विनोद साब), अस्मिता के लिए(डाॅ. जेबा रसीद), बंधन(डाॅ. छाया गौतम) तथा निर्णय(मृणलिनी दुबे) भी नारी की समस्याओं को सामने लाकर उनके सुझाव मांगती है। सुधा अग्रवाल की सिंगापुर यात्रा में पाठकों को इस यात्रा के वास्तविक आनंद की प्राप्ति होती है। रूखसान सिद्दकी, कुमार शर्मा अनिल, सावित्री चैधरी एवं ज्योति जैन की लघुकथाएं समाज में नारी के प्रति सम्मान की भावना जाग्रत करने के लिए प्रयासरत दिखाई पड़ती है। सुरेश आनंद का व्यंग्य पूज्य गांधी बाबा हम क्या करें? आज की अव्यवस्था व कुप्रबंध पर कटाक्ष करता है। पत्रिका की समीक्षाएं भी अलग ढंग से लिखी गई हैं इसकी वजह पुस्तकों का चयन भी समयानुकूल होना है।
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