पत्रिका: व्यंग्य यात्रा, अंक: अक्टूबर दिसम्बर 2011, स्वरूप: त्रैमासिक, संपादक: डाॅ. प्रेमजनमेजय, पृष्ठ: 108, रेखा चित्र/छायांकन: जानकारी नहीं, मूल्य: 20रू.(वार्षिक 100), ई मेल: , वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, फोन/मो. 011.25264227, सम्पर्क: 73, साक्षर अपार्टमेंटस, ए-3, पश्चिम विहार, नई दिल्ली 110063
व्यंग्य विधा की समर्पित पत्रिका व्यंग्य यात्रा का यह अंक आंशिक रूप से ख्यात व्यंग्यकार व लेखक हरिजोशी जी पर एकाग्र है। अंक में पाथेय के अंतर्गत नवनीत सेवक, सुरेश सोमपुरा, आबिद सुर्ती एंव निरंजन त्रिवेदी के लेख प्रभावित करते हैं। चिंतन के अंतर्गत गुजराती भाषा में व्यंग्य-हास्य पर अच्छी सामग्री प्रकाशित की गई है। ख्यात व्यंग्यकार श्रीलाल शुक्ल से साक्षात्कार के लिए प्रश्न निर्माण करने में लगता है अधिक ध्यान नहीं दिया गया है। इस कारण से साक्षात्कार बिखरा सा व अपूर्ण लगता है। हरि जोशी जी के बहुआयामी व्यक्तित्व पर सामग्री उन्हें नजदीक से जानने समझने मंे उपयोगी है। ज्ञान चतुर्वेदी, डाॅ. भागीरथ बडौले के लेख प्रभावित करते हैं। अन्य व्यंग्य रचनाओं में कृष्ण चराटे, रूचि श्रीवास्तव, के.एल. गर्ग एवं राकेश चैरसिया को छोड़कर अन्य व्यंग्यकारों की व्यंग्य रचनाएं प्रभावित नहीं कर सकी हैं। गिरीश पंकज, प्रहलाद श्रीमाली एवं हरदयाल की व्यंग्य कविताएं उल्लेखनीय हैं। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं व जानकारियां भी कुछ नया देने में सक्षम हैं।
बढ़िया जानकारी !
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