पत्रिका: पाण्डुलिपि, अंक: अक्टूबर-दिसम्बर 2011, स्वरूप: त्रैमासिक, संपादक: अशोेक सिंघई, जयप्रकाश मानस, पृष्ठ: 448, रेखा चित्र/छायांकन: जानकारी नहीं, मूल्य: 25रू.(वार्षिक 100), ई मेल: pandulipatrika@gmail.com , वेबसाईट: http://www.pramodverma.com/ , फोन/मो. 94241.82664, सम्पर्क: एफ-3, छगमाशिमं आवासीय परिसर, पेंसनवाड़ा रायपुर 492001
पत्रिका का समीक्षित अंक केवल दूसरा ही अंक है। इस पत्रिका ने प्रथम अंक के प्रकाशन के पश्चात मेटर, कलेवर तथा साज सज्जा में अत्यधिक सुधार किया है। पत्रिका की रचनात्मकता प्रभावित करती है। क्रमशः --------------
बढिया जानकारी. यह और भी बढिया है कि वेब साइट का पता दिया हुआ है.
ردحذفक्रमशः..... मतलब क्या कल भी इस पर कुछ सामग्री मिलेगी पढ़ने को?
ردحذفएक बहुत अच्छी जानकारी.
ردحذفअच्छी जानकारी। धन्यवाद।
ردحذفगुमनाम पत्रिकाओं को ब्लॉग के माध्यम से परिचित कराने का अच्छा प्रयास है, बधाई।
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