
साहित्य एवं कला के लिए समर्पित पत्रिका समावर्तन के समीक्षित अंक में आम पाठक सहित शोर्धियों के लिए उत्कृष्ट सामग्री का प्रकाशन किया गया है। अंक में ख्यात कवि एवं साहित्यकार नरेश मेहता पर अच्छे व संग्रह योग्य आलेख प्रकाशित किए गए हैं। पत्रिका के संपादक रमेश दवे, तथा डाॅ. प्रभाकर श्रोत्रिय व प्रमोद त्रिवेदी से नरेश मेहता की परिसंवाद शोध छात्रों के लिए उपयोगी है। धनंजय वर्मा, ज्योति जैन तथा श्री परमानंद श्रीवास्तव के लेख साहित्य के वर्तमान स्वरूप पर गहन विचार करते हैं। विमल कुमार, वसंत सकरगाए, मुस्तफा खान एवं सुधीर सक्सेना की कविताएं आकर्षक हैं। निरंजन श्रोत्रिय जी द्वारा नीलोत्पल की चुनी हुई कविताएं तथा प्रतापसिंह सोढ़ी की लघुकथा प्रभावित करती है। रंगशीर्ष के अंतर्गत पदश्री वसुंधरा कोमकली पर सभी रचनाएं अद्वितीय हैं। पत्रिका के अन्य स्थायी स्तंभ, समाचार, समीक्षाएं व लेख भी प्रभावशाली हैं।
shukriya! achhi jankari !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर जानकारी, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें