पत्रिका: अरावली उद्घोष, अंक: दिसम्बर 2010, स्वरूप: त्रैमासिक, संपादक: बी.पी. शर्मा ‘पथिक’, अतिथि संपादक: शंकर लाल मीणा, पृष्ठ: 80, रेखा चित्र/छायांकन: --, मूल्य: 20रू.(वार्षिक 80), ई मेल: , वेबसाईट: उपलब्ध नहीं, फोन/मो.: 0294.2431742, सम्पर्क: 449, टीचर्स कालोनी, अम्बामाता स्कीम, उदयपुर 313001 राजस्थान
आदिवासी मीडिया व साहित्य के लिए समर्पित पत्रिका अरावली उद्घोष का समीक्षित अंक श्रेष्ठ रचनाओं से युक्त है। अंक में संस्कृति विमर्श के अंतर्गत डाॅ. धर्मचंद्र विद्यालंकार, स्वामी वाजिद काजमी, डाॅ. देवीप्रसाद मोर्य के लेख हमारे आसपास की अच्छी तरह से पड़ताल करते हैं। अरविंद केजरीवाल तथा भागीरथ ने आज के ज्वलंत प्रश्न प्रश्नों पर अच्छे समाधान सुझाने का प्रयास किया है। स्व. शिवराम, मंजू अरूण, वेदप्रकाश अग्रवाल तथा देवेन्द्र कुमार मिश्र की कविताएं समसामयिक हैं। ख्यात कवि प्रभात की सभी कविताएं आज के बदलते समाज पर विमर्श प्रस्तुत करती है। सुरेश नायक व डाॅ. पूरन सिंह की कहानियां साधारण होते हुए भी असाधारण विषय उठाती हैं। नारी विमर्श के अंतर्गत रमणिका गुप्ता व सुरेश पण्डित के लेख तत्कालीन विषय व उसके निहितार्थ पर एक विहंगम दृष्टिपात है। पत्रिका की अन्य रचनाएं, समीक्षाएं व समाचार व पत्र आदि उपयोगी हैं। अतिथि संपादक शंकर लाल मीणा का संपादकीय वर्तमान शिक्षा जगत में बढ़ती मुनाफाखोरी पर गहराई तक प्रहार करता है।

3 تعليقات

  1. धन्यवाद इस अच्छी जानकारी के लिये

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  2. बहुत शुक्रिया।
    अरावली की आवाज के लिए...
    पुखराज जाँगिड़

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  3. यह ज़रूर अच्छी पत्रिका होगी ।

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