पत्रिका: शुभ तारिका, अंक: नवम्बर2010, स्वरूप: मासिक, संपादक: उर्मि कृष्ण, पृष्ठ: 102, मूल्य: 25रू.यह अंक(वार्षिक 120), ई मेल: urmi.klm@gmail.com , वेबसाईट: not avilale , फोन/मो. 0171.2631068, सम्पर्क: कृष्णदीप ए-47, शास्त्री कालोनी अम्बाला छावनी हरियाणा
अग्रिम पंक्ति की ख्यात पत्रिका शुभतारिका का समीक्षित अंक हरियाणा साहित्य अंक है। अंक में हरियाणा की कला, साहित्य व संस्कृति पर एकाग्र रचनाओं का प्रकाशन किया गया है। पत्रिका के इस अंक में प्रकाशित लेखों में डाॅ. परशुराम शुक्ल, जितेन्द्र सूद, पवन चैधरी मनमौजी, रश्मि, राजेश चुघ, अंजु शर्मा, लालचंद गुप्त मंगल, कमलेश भारतीय, क्षिप्रा बनर्जी, प्रमिला गुप्ता, सुरेन्द्र कुमार, ओमप्रकाश कादयान, सोमवीर शर्मा, आनंद प्रकाश आर्टिस्ट, सुनीता आनंद, सत्यपाल शर्मा, संजीव कुमारी, ओ.पी. वनमाली, अनीता शर्मा, पंकज शर्मा, विजय कुमार, मनजीत कौर, प्रवीण शर्मा स्नेही, शिवकुमार शर्मा, विक्की नरूला एवं तेजिन्द्र के लेख उल्लेखनीय हैं। देवचंद की लोक कथा दो उरली दो परली तथा मुक्ता एवं कमल कपूर की कहानियां प्रभावित करती हैं। प्रमिला गुप्ता का व्यंग्य महिमा जूते की अच्छा है। सुखचैन सिंह भण्डारी, घमंडीलाल अग्रवाल, राधेश्याम भारतीय, कुलदीप अरोड़ा एवं बलजीत गढ़वाल भारती की लघुकथाएं अच्छी व पठनीय हैं। उदयभानु हंस, रामनिवास मानव, लक्ष्मी रूपल, ईश्वर सिंह खिच्ची, निर्मला जौहरी, महेन्द्र जैन, नज़र जालंधरी, यश खन्ना नीर, मदनलाल वर्मा, विनोदिनी पात्र, कुमार शर्मा अनिल, ओमीशा पारूथी, सुनील सिंह मार, राजन शर्मा एवं अंजु सूरी की कविताएं पत्रिका के कलेवर के अनुरूप हैं। पत्रिका के अन्य स्थायी स्तंभ व रचनाएं भी प्रभावित करती हैं।

2 تعليقات

  1. अच्छी जानकारी देते हैं आप... सराहनीय प्रयास है..

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  2. आपके द्वारा दी गई जानकारी के कारण ही मुझे 'कथा बिमब' और 'हिन्‍दी चेतना' जैसी पत्रिकाओं को अन्‍तरजाल पर ही पढ्ने का सुअवसर प्राप्‍त हो सकाा क़पया इस प्रयास को जारी रखेंा इससे अनेक लोग लाभान्वित होंगेा

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