
विगत 38 वर्ष से लगातार साहित्य की सेवा कर रही पत्रिका शुभ तारिका के इस अंक में अच्छी व विविधतापूर्ण रचनाओं को स्थान दिया गया है। अंक में महावीर उत्तरांचली, चंद्र भानु आर्य, पवन चैधरी मनमौजी, चेतन आर्य, किशनलाल शर्मा व लेखराम शर्मा की लघुकथाएं प्रकाशित की गई हैं। पत्रिका में इस बार लेखक परिशिष्ट के अंतर्गत दिलीप भाटिया को स्थान दिया गया है। हितेश शर्मा, कुलभूषण कालड़ा, अशोक सिंह व खत्री कुमार की कविताएं प्रभावित करती हैं। गुलनाज की कहानी बसेरा का कथ्य व शिल्प आज की समस्याओं पर विस्तार से प्रकाश डालता है। अन्य रचनाएं, समीक्षाएं व समाचार आदि भी पठनीय हंै।
सुंदर समीक्षा के लिये अप का धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसंवेदनाओं और भावनाओं से सरस है यह पत्रिका.... धन्यवाद उर्मी दीदी....
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